
Last Updated on 08/10/2022 by Sarvan Kumar
दुसाध (Dusadh) भारत में निवास करने वाली एक प्राचीन जाति है. यह मुख्य रूप से पूर्वी और उत्तर भारत में निवास करते हैं. बिहार में इनकी उल्लेखनीय आबादी है जहां यह राजनीतिक रूप से काफी मजबूत माने जाते हैं. साथ ही बिहार के पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश और झारखंड में भी इनकी आबादी है. अन्य जातियों के भांति यह जाति भी कई उप समूहों में विभक्त है तथा इस समुदाय के लोग कई उपनामों का प्रयोग करते हैं. आइए जानते हैं दुसाध के उपनाम के बारे में.
दुसाध के उपनाम
भारत में अनेक समुदाय और जातियां निवास करती हैं. इन सभी के नामकरण परंपराओं में भिन्नता देखी गई है जो मुख्य रूप से इनके धर्म और उत्पत्ति क्षेत्र पर निर्भर करती है. यद्यपि उपनामों का प्रयोग एक अपेक्षाकृत नई परंपरा है, लेकिन भारतीय संदर्भ में इसके महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. भारतीयों के बीच यह एक बहुत ही सामान्य प्रवृत्ति रही है कि वे किसी व्यक्ति की जाति, समुदाय, परिवार, मूल गांव और व्यवसाय के बारे में उसके उपनाम से जान लेते हैं या जानने की कोशिश करते हैं. उपनाम के माध्यम से किसी व्यक्ति के जातिगत हैसियत और सामाजिक स्वीकार्यता तय करने का प्रयास किया जाता है. भारत में जातिवाद और अस्पृश्यता के मामलों में जरूर कमी आई है लेकिन ये सामाजिक कुरीतियां पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं, इसलिए वर्तमान समय में भी जातियों और उनके द्वारा प्रयुक्त उपनामों का महत्व बरकरार है.
दुसाध आमतौर पर सैनिक प्रवृत्ति के होते हैं इसीलिए इन्हें एक मार्शल और योद्धा जाति माना जाता है. इस जाति के लोग दावा करते हैं कि दुसाध मूल रूप से क्षत्रियों की एक शाखा है. पहले इस समुदाय के लोग गांव के चौकीदार और अंगरक्षक के रूप में काम करते थे. जब अंग्रेज भारत आए, तो उनका सामना बंगाल के अंतिम स्वतंत्र नवाब सिराजुद्दौला से हुआ. अंग्रेजों को सलाह दी गई कि वे शारीरिक रूप से मजबूत लेकिन जाति के कारण उत्पीड़ित दुसाध समुदाय को अपनी सेना में शामिल करें. इस सलाह को मानते हुए अंग्रेजों ने दुसाध समुदाय के लोगों को अपनी सेना में शामिल कर लिया और 1757 के प्लासी के युद्ध में नवाब को हरा दिया. जहां तक उपनाम का प्रश्न है, दुसाध जाति के लोग भी कई प्रकार के उपनामों का प्रयोग करते हैं. इस जाति के लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे आम उपनाम “पासवान” है. उर्दू शब्द पासवान का अर्थ अंगरक्षक या “रक्षा करने वाला” है. यह उपनाम उनके क्षत्रिय वंश और सैनिक प्रवृत्ति को इंगित करता है. अन्य उपनामों की बात करें तो, विकिपीडिया और इंटरनेट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, इस समुदाय के लोग अपने उपनाम के रूप में हाजरा, भगत, प्रसाद, गहलोत, मांझी, जाट, गुर्जर आदि लगाते हैं.
References;
•A Warrior Caste Of India
By Keshav Paswan · 2022
•https://theprint.in/politics/who-are-the-paswans-upwardly-mobile-powerful-dalit-group-at-centre-of-bihar-polls-buzz/528964/?amp

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