
Last Updated on 27/07/2020 by Sarvan Kumar
कोलकाता (पश्चिम बंगाल): भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकुल राय ने उन सभी अटकलों का खंडन किया है जिसमें कहा जा रहा था कि वह बीजेपी छोड़कर फिर से अपनी पुरानी पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं. मुकुल राय ने रविवार को कहा कि वह भाजपा के साथ हैं और साथ रहेंगे; नेतृत्व के साथ उनके मतभेदों की खबरें दुर्भावनापूर्ण और भ्रामक हैं. ऐसी खबरों से वह आहत हैं.
संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुकुल राय ने कहा, ‘ भारतीय जनता पार्टी ने मुझे पश्चिम बंगाल मैं ग्राम पंचायत और लोकसभा चुनाव में पार्टी के कैंपेन की निगरानी करने की पूरी जिम्मेदारी दी थी. केंद्रीय नेतृत्व ने मुझे पूरा सम्मान दिया है. मुझे क्यों निराश होना चाहिए?’
उन्होंने इन खबरों का खंडन भी किया जिसमें कहा जा रहा था कि उनके और पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष के बीच मतभेद चल रहा है. मुकुल रॉय ने कहा, ‘बीजेपी संपादक और उप संपादक के बीच मतभेद रखने वाले मीडिया हाउस की तरह नहीं है. हमारी जैसी राजनीतिक पार्टी में, हम सभी अपने डोमेन में, अपने स्पेस में काम करते हैं. लेकिन हम समान लक्ष्य के साथ सामंजस्य बिठाकर काम करते हैं.’
यह सवाल पूछे जाने पर कि लोकसभा चुनाव के 1 साल बाद भी उन्हें मंत्री पद नहीं दिया गया इसका जवाब देते हुए मुकुल राय ने कहा कहां की मंत्री पद प्राप्त करना उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं है. संगठन का कार्यकर्ता होने के नाते वह संगठन के लिए काम करना चाहते हैं जिससे पार्टी को मजबूती मिले.
मुकुल राय कुछ भी कहें लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि पार्टी नेतृत्व से उनके मतभेदों में कुछ तथ्य तो जरूर है. राय ने नई दिल्ली में पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा बुलाई गई बैठक में बृहस्पतिवार को पेश किए गए उस रिपोर्ट को वास्तविकता से परे बताया है जिसमें कहा गया है कि 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 294 में से 190 सीट जीत सकती है.
उन्होंने कहा कि ऐसे दावे जमीनी वास्तविकता को नहीं दर्शाते. साथ ही सुझाव देते हुए कहा कि ऐसे आंकड़े तक पहुंचने के लिए पार्टी को कई क्षेत्रों में मेहनत करने की जरूरत है.
इस विरोध मत विरोध के बाद मुकुल राय आगे के सत्रों में बैठक में भाग लेने के बजाय कोलकाता लौट आए. अपना पक्ष केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने रखने के लिए मुकुल राय पिछले महीने भी दिल्ली गए थे. कहा जा रहा है कि मुकुल राय को बीजेपी में इस रणनीति के तहत शामिल किया गया था कि उनके आने के बाद तृणमूल कांग्रेस में पलायन शुरू हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
बता दें कि मुकुल राय ने 2017 में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन किया था. वर्तमान में बंगाल विधानसभा में भाजपा के केवल 15 एमएलए हैं. हालांकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 42 में से 18 सीटें जीत कर सबको चौंका दिया था.
