Sarvan Kumar 20/07/2018
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Last Updated on 22/08/2020 by Sarvan Kumar

मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार हो चुका है. आज अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग होने वाली है. सरकार का दावा है कि उसके पास बहुमत के आंकड़े से ज्यादा नंबर है. अकेले बीजेपी के पास बहुमत से 5 ज़्यादा सांसद हैं. क्या आप जानते हैं की अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने वाले अकेले प्रधानमंत्री नहीं हैं मोदी. भारतीय संसदीय इतिहास में अब तक 26 बार अविश्वास प्रस्ताव आए हैं लेकिन दो बार ही विपक्ष को इसमें सफलता मिली है.

अब तक इन प्रधानमंत्रियों के खिलाफ भी आ चुका है अविश्वास प्रस्ताव.

1. जवाहरलाल नेहरू

            जवाहर लाल नेहरू( image Wikimedia Commons)

अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने वाले सबसे पहले प्रधानमंत्री थे जवाहरलाल नेहरू. 1963 में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ पहली बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. यह अविश्वास प्रस्ताव जेबी कृपलानी ने रखा था. जवाहरलाल नेहरू सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 62 वोट जबकि विरोध में 347 वोट पड़े थे और सरकार बच गयी थी.

2. लाल बहादुर शास्त्री

लाल बहादुर शास्त्री
       लाल बहादुर शास्त्री( image Wikimedia Commons)

देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को तीन बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा था. लेकिन तीनों बार शास्त्री बहुमत साबित करने में सफल रहे और उनकी सरकार तीनो बार बच गयी.

3. इंदिरा गांधी

इंदिरा गांधी
                इंदिरा गांधी( image: Wikimedia Commons)

देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री और भारत की तीसरी प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी को सबसे ज़्यादा बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा था. इंदिरा गांधी के खिलाफ 15 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, पर एक भी बार भी विपक्ष को सफलता नहीं मिली.

4. मोरारजी देसाई

         मोरारजी देसाई( image Wikimedia Commons)

देश के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई को दो बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा था. साल 1978 में ही दोनों अविश्वास प्रस्ताव लाये गए थे. पहले अविश्वास प्रस्ताव से देसाई को कोई दिक्कत नहीं हुयी. लेकिन 1978 में दूसरी बार लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में उनकी सरकार के सहयोगी दलों में आपसी मतभेद के कारण मोरारजी देसाई ने वोटिंग से पहले ही त्यागपत्र दे दिया. इस तरह से भारत के संसद के इतिहास में मोरारजी देसाई की सरकार ऐसी पहली सरकार बनी जो अविश्वास प्रस्ताव के कारण गिर गयी.

5. नरसिम्हा राव

पी वी नरसिंहा राव
            पी वी नरसिंहा राव( Wikimedia Commons)

देश के नौवें प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को तीन बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा. 1993 में नरसिम्हा राव केवल 14 वोट के अंतर से विपक्ष को हराकर सरकार बचने में कामयाब रहे.
लेकिन नरसिम्हा राव को अपनी सरकार को बचाने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा के सांसदों को खरीद फरोख्त करने का आरोप लगा.

6. अटल बिहारी वाजपेयी

अटल बिहारी वाजपेयी
        अटल बिहारी वाजपेयी(image: Wikimedia Commons)

गिर गई थी अटल सरकार। देश के दसवें प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ दोो  बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था.
सबसे पहली बार वाजपेयी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव 1999 में लाया गया जब जयललिता की पार्टी ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. वाजपेयी सरकार 1 वोट के अंदर गिर गयी थी अटल बिहारी वाजपेयी को त्यागपत्र देना पड़ा था. दूसरी बार अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ 2003 में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. लेकिन इस बार वाजपेयी सरकार बचने में कामयाब रहे. सरकार के पक्ष में 312 वोट मिले जबकि विपक्ष 186 वोट ही मिल पाया.

7. मनमोहन सिंह

अटल बिहारी वाजपेयी( image: Wikimedia Commons)

देश के तेरहवें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ साल 2008 में  अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. यह अविश्वास प्रस्ताव सीपीएम द्वारा लाया गया था. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार कुछ वोटों के अंतर से गिरने से बच गई थी.

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