Sarvan Kumar 30/03/2020

Last Updated on 30/03/2020 by Sarvan Kumar

जावेद अख्तर का ट्वीट आया है , इसमें उन्होंने कहा है कि स्कॉलर और अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ताहिर महमूद साहब ने दारुल उलूम देवबंद से कहा है कि जब तक कोरोना संकट नहीं है तब तक सभी मस्जिदों को बंद करने के लिए फतवा दें. मैं उनकी मांग का पूरी तरह से समर्थन करता हूं. अगर मदीना में काबा और मदीना का मस्जिद बंद हो जाती है तो भारत के मस्जिद क्यों नहीं.

दरअसल देश में बढ़ते करोना संक्रमण के प्रकोप के कारण माइनॉरिटी कमीशन के पूर्व अध्यक्ष ताहिर महमूद ने इस्लामिक विश्वविद्यालय दारुल उलूम देवबंद से पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वह फतवा जारी करके लोगों को अपने घरों में ही नमाज पढ़ने को कहें.

बता दें कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में 21 दिनों का लॉक डाउन कर दिया गया है. सोशल डिस्टेंसिंग पर बल देकर सरकार भारत में कोरोना संक्रमण को रोकना चाहती है. सरकार ने एडवाइजरी जारी करके लोगों को एक जगह इकट्ठा होने से मना किया है.

लेकिन सरकार के एडवाइजरी और लॉक डाउन लागू होने के बावजूद लोग कोरोना संक्रमण के प्रति गंभीर नहीं है. ऐसी कई खबरें आ रही विदेशी मौलवी मस्जिदों में पाए गए हैं. मेरठ के मवाना स्थित बिलाल मस्जिद में 9 विदेशी मौलवी मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम पुलिस बल के साथ जाकर इन विदेशी मौलवियों से पूछताछ कर रही है. यह सभी 17 मार्च से यहां रह रहे थे.

राजधानी दिल्ली मैं निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में करीब पौने दो सौ लोगों को कोरोना जांच  के लिए अस्पताल ले जाया गया है. जानकारी के मुताबिक इसमें 15 देशों के 100 से ज्यादा नागरिक भी शामिल हैं.
विदेशियों में अफगानिस्तान, मलेशिया, बांग्लादेश, सऊदी अरब, इंग्लैंड और चीन के नागरिक शामिल हैं.

इससे पहले पटना के एक मस्जिद से तजाकिस्तान के 10 नागरिक बरामद हुए थे. स्थानीय लोगों के खबर देने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सभी विदेशियों को एम्स में जांच के लिए भेजा था.

कोरोना जैसी भयंकर मारामारी और इलाके में विदेशी विदेशियों की मौजूदगी के कारण लोगों में भय का माहौल है.

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