Ranjeet Bhartiya 16/01/2022

Last Updated on 16/01/2022 by Sarvan Kumar

कासगर (Kasgar) भारत और पाकिस्तान में पाया जाने वाला एक मुस्लिम जाति समुदाय है. भारत सरकार की सकारात्मक भेदभाव की व्यवस्था आरक्षण के अंतर्गत इन्हें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अन्य पिछड़ा वर्ग (Other Backward Class,OBC) के रूप में वर्गीकृत किया गया है. भारत में यह मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश राज्य में पाए जाते हैं. उत्तर प्रदेश में यह विशेष रूप से अवध क्षेत्र में केंद्रित हैं. उत्तराखंड में भी इनकी आबादी हैैैै. आइए जानते हैं कासगर समुदाय का इतिहास, कासगर की उत्पति कैसे हुई?

कासगर समुदाय एक परिचय

1947 में, भारत विभाजन के बाद, कई कासगर पाकिस्तान चले गए और बस गए. पाकिस्तान में अब यह मुख्य रूप से सिंध प्रांत (Sindh province) में निवास करते हैं और मुहाजिर समुदाय (Muhajir community) का हिस्सा हैं. बता दें कि मुहाजिर मुस्लिम आप्रवासी और बहु-जातीय मूल के शरणार्थी और उनके वंशज हैं, जो भारत विभाजन के बाद भारत के विभिन्न क्षेत्रों से पलायन करके नवनिर्मित देश पाकिस्तान में जाकर बस गए थे. मुहाजिर शब्द का प्रयोग भारत के उन मुस्लिम प्रवासियों के लिए किया जाता है जो भारत से जाकर पाकिस्तान के सिंध प्रांत के शहरी क्षेत्रों में बस गए थे. यह इस्लाम धर्म को मानते हैं. इनमें से कुछ सुन्नी (Sunni) इस्लाम को मानते हैं, तो कुछ शिया  (Shia) इस्लाम का पालन करते हैं. यानी कि धार्मिक आस्था के आधार पर यह समुदाय शिया और सुन्नी संप्रदायों में विभाजित है. कासगर एक अंतर्विवाही (Endogamous) समुदाय हैं. इस समुदाय में समानांतर और क्रॉस कजिन विवाह (cross cousin) का प्रचलन है.

कासगर शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई?

“कासगर” शब्द की उत्पत्ति‌ फारसी भाषा से हुई है जिसका अर्थ होता है- “प्याला बनाने वाले” (Goblet-makers). कासगर समुदाय की उत्पत्ति के बारे में स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है. यह एक व्यवसायिक समूह है. इनका पारंपरिक व्यवसाय प्याला, कटोरी और मिट्टी के अन्य बर्तनों का निर्माण करना रहा है. यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में निवास करने वाले मुस्लिम कुम्हार (Muslim kumhar) के समान हैं. यह खुद को शेख (Shaikh) के दर्जे का समझते हैं.

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