Ranjeet Bhartiya 15/07/2022
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Last Updated on 07/09/2022 by Sarvan Kumar

कुशवाहा भगवान राम के पुत्र कुश के वंशज माने जाते हैं. कुशवाहा से हीं कछवाहा शब्द अस्तित्व में आया. जयपुर राजघराने की राजकुमारी दीया कुमारी के अनुसार, “जयपुर राजघराने के पोथीखाने में मौजूद दस्तावेजों में बार-बार उल्लेख किया गया है कि कछवाहा राजवंश की वंशावली श्रीराम से आई हुई है. श्री राम के पुत्र कुश के वंशज कुशवाहा के नाम से जाने जाते हैं, जिन्हें कछवाहा/कच्छवाह भी कहा जाता है.”जयपुर और आसपास के क्षेत्रों पर कछवाहा शासकों का लंबे समय तक शासन रहा. कछवाहा शासकों ने पूरे राजपूताने पर अपना प्रभाव स्थापित किया. आइए यहां आपको देते हैं महत्वपूर्ण कछवाहा/कुशवाहा राजपूत राजाओं के बारे में पूरी जानकारी-

मान सिंह प्रथम | image : Wikipedia

कुशवाहा राजपूत राजा

पजावन (Pajawan)

राजा पजावन आमेर साम्राज्य के 5वें कछवाहा शासक थे. इनका संबंध उस कछवाहा राजपूत वंश से था, जो 12वीं शताब्दी में राजपुताना चले गए थे. इनका विवाह पृथ्वीराज चौहान के चचेरी बहन से हुआ था. यह पृथ्वीराज के एक प्रमुख और विश्वसनीय सेनापति थे. पजवान एक महान योद्धा थे. अपने सैन्य करियर में 64 महत्वपूर्ण लड़ाइयाँ लड़ीं.

भारमल (Bharmal)

भारमल (शासन: 1 जून 1548 – 27 जनवरी 1574) आमेर के शासक थे. यह मुगल बादशाह अकबर की अधीनता स्वीकार करने वाले तथा अकबर की शाही मनसबदारी मे प्रवेश करने वाले पहले राजपूत शासक थे.

भगवंत दास (Bhagwant Das)

राजा भगवंत दास आमेर के कच्छवाहा शासक थे.
वह राजा भारमल के सबसे बड़े पुत्र थे और उनके उत्तराधिकारी बने. उन्होंने मुगल बादशाह अकबर के लिए कई लड़ाइयाँ लड़ीं, जिसमें पंजाब, कश्मीर और अफगानिस्तान की लड़ाई भी शामिल थीं. वह काबुल का गवर्नर भी थे. भगवंत दास ने कश्मीरी राजा, यूसुफ शाह चक की सेना को बुरी तरह हराया था.

मान सिंह प्रथम (Man Singh I)

मान सिंह प्रथम, जिन्हें मिर्जा राजा मान सिंह के नाम से भी जाना जाता है, आमेर के कछवाहा राजपूत राजा थे. वह मुगल सम्राट अकबर का सबसे शक्तिशाली और भरोसेमंद सेनापति थे. मानसिंह को अकबर के दरबार में श्रेष्ठ स्थान मिला था. बादशाह अकबर ने उन्हें नवरत्नों में शामिल किया था. वह युद्ध की रणनीति में पारंगत थे. उन्होंने उड़ीसा और असम को जीतकर अकबर के अधीन कर दिया था. मानसिंह से डरकर काबुल को भी अकबर की अधीनता स्वीकार करनी पड़ी थी. मानसिंह के इन कार्यों से प्रसन्न होकर बादशाह अकबर ने उन्हें बंगाल, बिहार, दक्षिण और काबुल का शासक नियुक्त किया था.

मिर्जा राजा जय सिंह प्रथम (Mirza Raja Jai Singh I)

मिर्जा राजा जयसिंह आमेर रियासत के शासक थे.
वह मुगल साम्राज्य के एक वरिष्ठ जनरल थे.

सवाई जयसिंह द्वितीय (Sawai Jai Singh II)

सवाई जयसिंह द्वितीय (3 नवंबर 1681 – 21 सितंबर 1743) आमेर साम्राज्य के 29वें कछवाहा राजपूत शासक थे, जिन्होंने बाद में जयपुर के किलेबंद शहर की स्थापना की और इसे अपनी राजधानी बनाया. इन्हें कछवाहा वंश का सबसे प्रतापी शासक माना जाता है. बहुमुखी प्रतिभा के धनी जयसिंह ना केवल एक कुशल प्रशासक और सक्षम सेनापति थे बल्कि कई भाषाओं के जानकार थे. गणित, वास्तुकला और खगोल विज्ञान में इनकी गहरी रुचि थी.

महाराजा राम सिंह प्रथम (Maharaja Ram Singh I)

कछवाहा राजा जयसिंह प्रथम के बड़े पुत्र राम सिंह प्रथम आमेर के शासक, कश्मीर के सूबेदार और कछवाहा राजपूत वंश के मुखिया थे. जब शिवाजी 12 मई 1666 को मुगल दरबार में आगरा गए, तो मुगल बादशाह औरंगजेब शिवाजी महाराज को धोखे से कैद करके मार देना चाहता था. ऐसे में राम सिंह प्रथम और जयसिंह ने अपने सूझबूझ से शिवाजी महाराज के प्राणों की रक्षा की थी.

माधो सिंह प्रथम (Madho Singh I)

माधो सिंह प्रथम (दिसंबर 1728 – 5 मार्च, 1768) जयपुर राज्य के शासक थे.

सवाई प्रताप सिंह (Sawai Pratap Singh)

प्रताप सिंह (2 दिसंबर 1764 – 1 अगस्त 1803) जयपुर के कछवाहा शासक थे. इन्हें हवा महल के निर्माण के लिए जाना जाता है.

सवाई मान सिंह द्वितीय (Man Singh II)

मेजर जनरल महाराजा सवाई मान सिंह II (21 अगस्त 1912 – 24 जून 1970) जयपुर के अंतिम शासक थे.

महाराव शेखाजी (Maharao Shekhaji)

महाराव शेखाजी (1433-1488) 15वीं शताब्दी के भारत में एक क्षत्रिय राजपूत राजा थे. बता दें कि कछवाहा में शेखावत सबसे प्रमुख वंश है.

अजीत सिंह (Ajit Singh)

राजा अजीत सिंह (16 अक्टूबर 1861 – 18 जनवरी 1901) 1870 और 1901 के खेतड़ी रियासत, राजस्थान के शेखावत वंश के शासक थे.


References;

Jadunath Sarkar (1994). A History of Jaipur: C. 1503-1938. Orient Blackswan. ISBN 978-81-250-0333-5.

मनोहर सिंह राणावत (1985). राजस्थान के महाराणा और राज्यों का जीवन चरित्र. राजस्थानी ग्रंथागार. पृ॰ 100.

Hooja, Rima (2006). A History of Rajasthan. Rupa & Company. p. 484. ISBN 978-81-291-0890-6.

राजस्थान का इतिहास : कर्नल जेम्स टॉड, साहित्यागार प्रकाशन, जयपुर

Ra´jah Ma´n Singh, son of Bhagwán Dás – Biography Archived 7 October 2016 at the Wayback Machine Ain-i-Akbari, Vol. I.

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