
Last Updated on 06/07/2020 by Sarvan Kumar
महाराष्ट्र में कोरोना सबसे भयावह रूप दिखा रहा है. राज्य में मौतों का सिलसिला जारी है. स्वास्थ्य विभाग के जानकारी के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में कोरोना के कारण 295 लोगों की मौत हुई है. राज्य में अब कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 8671 हो गई है. केवल पिछले 24 घंटे में प्रदेश में 1 दिन में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड 7074 नए मामलों की पुष्टि के बाद राज्य में कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या बढ़कर 2 लाख से ज्यादा हो गई है. राज्य में अब कोरोनावायरस 83,295 एक्टिव मामले हैं. पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3395 मरीज के ठीक हो जाने के बाद प्रदेश में ठीक हुए मरीजों की संख्या बढ़कर 1,08,082 हो गई है.
शनिवार को 32,517 सैंपल की जांच की गई है, जिसके बाद राज्य में अब तक कुल 10 लाख 85 हजार 160 व्यक्तियों की जांच हो चुकी है. टेस्ट किए गए संदिग्धों तथा कन्फर्म केस की बात करें तो हर 5.42 सैंपल पर एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव निकल रहा. राज्य में रिकवरी रेट 54.02% है, जबकि मोर्टालिटी रेट 4.33% है. इसका अर्थ यह है कि प्रत्येक 100 संक्रमित व्यक्तियों में से 54 लोग ठीक हो जा रहे हैं, जबकि 100 में से 4.33% लोग अपनी जान गवा रहे हैं. अगर कुल आंकड़ों की बात करें तो अभी तक हर 231 संक्रमित व्यक्तियों में से एक को अपनी जान गंवानी पड़ रही है.
पिछले 24 घंटे में देश में रिकॉर्ड 24,018 नए मामले सामने आ जाने के बाद देश में कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या बढ़कर 6,73,904 हो गई है. कोरोना के कारण पिछले 24 घंटे में 610 लोग जान गंवा चुके हैं. देश में कोरोना के कारण मृतकों की संख्या 19,289 हो गई है.
अगर आप महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों में कोरोनावायरस के प्रकोप का तुलनात्मक अध्ययन करेंगे तो पाएंगे कि देश में जितने भी करोना मरीजों की संख्या है उसमें 30% केस केवल महाराष्ट्र से हैं. मौत के आंकड़ों की बात करें तो भारत में कोरोना से जितनी भी मौत हुई है उस से 45% मौतें महाराष्ट्र में ही हुई हैं.
इन तथ्यों से बहुत स्पष्ट है कि महाराष्ट्र में कोरोना अपने सबसे घातक रूप में है. मरीजों की संख्या में दिन-ब-दिन वृद्धि हो रही है और मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की गठबंधन सरकार कोरोना से निपटने में पूरी तरह से फेल हो चुकी है. लेकिन बावजूद इसके मीडिया में इस बात की चर्चा कहीं भी नहीं होती. बीजेपी शासित प्रदेशों जैसे गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में कोरोना के कारण वहां की राज्य सरकारों को घेरा जाता है, सवाल पूछे जाते हैं. लेकिन वही सवाल कांग्रेस शासित राज्यों महाराष्ट्र और राजस्थान की सरकारों से नहीं पूछे जाते हैं. “दरबारी पत्रकारों” को समझना चाहिए कि जनता अब न्यूज़ को केवल आंख मूंद के नहीं देखती बल्कि उसे समझने का भी प्रयास करती है. जनता हर समाचार को तथ्यों के तराजू में तोलती है उसके बाद ही कोई निर्णय लेती है तथा अपनी राय बनाती है. इसीलिए अभी भी वक्त है किस प्रदेश में किसकी सरकार है यह देख कर दरबारी पत्रकारों को खबरें नहीं बनानी चाहिए, बल्कि सभी सरकारों को समान रूप से मुद्दों पर घेरना चाहिए, सवाल पूछना चाहिए ताकि मीडिया की क्रेडिबिलिटी बनी रहे और देश में एक स्वस्थ लोकतंत्र कार्य करता रहे.

क्या आप भी बिना ऑफर के शॉपिंग करते हैं और करा लेते हैं नुकसान- यहाँ क्लिक कर जानें Amazon का आज का ऑफर और पाएं 83 % तक की छूट! |
Disclaimer: Is content में दी गई जानकारी Internet sources, Digital News papers, Books और विभिन्न धर्म ग्रंथो के आधार पर ली गई है. Content को अपने बुद्धी विवेक से समझे। jankaritoday.com, content में लिखी सत्यता को प्रमाणित नही करता। अगर आपको कोई आपत्ति है तो हमें लिखें , ताकि हम सुधार कर सके। हमारा Mail ID है jankaritoday@gmail.com. अगर आपको हमारा कंटेंट पसंद आता है तो कमेंट करें, लाइक करें और शेयर करें। धन्यवाद Read Legal Disclaimer |