
Last Updated on 03/05/2023 by Sarvan Kumar
एक राजा थे महराजा यदु. वे यदुकुल के प्रथम सदस्य माने जाते है. उनके वंशज जो कि यादव या अहीर के नाम से जाने जाते हैं, भारत एवं निकटवर्ती देशो मे काफ़ी संख्या मे पाये जाते हैं..महराज यदु ययाति के पुत्र थे. यदु के चार पुत्र थे- सहस्त्रजित, क्रोष्टा, नल और रिपुं. सहस्त्रजित से शतजित का जन्म हुआ. इसी वंश में आगे महाप्रतापी राजा मधु का जन्म हुआ उनके सौ पुत्र थे. उनमें सबसे बड़ा था वृष्णि. वृष्णि कुल में आगे चलकर भगवान कृष्ण का जन्म हुआ जिनके वंशज कृष्णौत कहलाये. कृष्णौत यादव कुल का इतिहास हम एक दूसरे लेख में बता चुके है. इस लेख में यहां हम मझरौत ( Majhraut ) यादव कुल का इतिहास जानेंगे.
यादव सम्राट महाराजा मधु
महाराजा मधु वैदिक काल के यादव सम्राट व मथुरा नगरी के संस्थापक थे. मधु के वंश में जन्म लेने के कारण ही श्रीकृष्ण को ‘माधव’ कहा जाता हैं. महाराजा मधु के शासन काल में यदुवंशी बहुत शक्तिशाली हो गए थे और इनका राज्य दक्षिण-पश्चिमी गुजरात से उत्तर में यमुना नदी के घाटी तक फैला हुआ था. यादवराज मधु ने ही मधुपुरी या मथुरा का स्थापना किया था, जो महाभारत काल तक यादवों का राजधानी रहा. यदुवंशियों का चहुं दिशाओं में ध्वज लहराने वाले चक्रवती महाराज मधु देव तुल्य थे इसीलिए इनके प्रताप के कारण इनके वंशज मधुवंशी कहलाए तथा स्वयं नारायण अवतार श्री कृष्ण महाराज इनके नाम पर माधवमाधव और मधुसूदन कहे गए. यादवों का राज्य स्थापित करने के कारण ही मधु और मधुवंशियों को यदु छत्रपति भी कहा गया है. राजा मधु के पुत्र का नाम था लवण. बाद में मथुरा में एक और शासक का नाम आता है मधु. पर यह मधु दैत्य है इसके पुत्र का नाम भी लवण है. पर यह लवण लवणासुर है. यह मधु दैत्य और लवणासुर उस समय के हैं जब अयोध्या में प्रभु श्रीराम का राज्य था. यह तो साफ है कि ये मधु दैत्य और लवणासुर पूर्ववर्ती यदुवंशी राजा मधु और उसके पुत्र लवण से अलग हैं. पर यह साफ नहीं हैं कि ये मधु दैत्य या लवणासुर किस वंश के थे और मथुरा पर इनका आधिपत्य कब हुआ. मधु नामक असुर का कब्जा होने के पश्चात भारी मात्रा में माधव इत्यादि शाखा के यादव यहां से तितर बितर हो गए थे. बाद में द्वापर में एक बार फिर यादवों ने मधु के वंशजों के नेतृत्व में असुरों को परास्त कर ब्रजमंडल पर अपनी सत्ता स्थापित करी.
मझरौत यादव का इतिहास
मझरौत / मजरौठ/ मथुरावत यदुवंशी अहीर की एक शाखा है जो भारतीय राज्य बिहार और झारखंड में रहते है. ऐसा माना जाता है कि वे मथुरा पर शासन करने वाले यादव राजा मधु के वंशज थे. कृष्णौत की तरह मझरौत अहीर भी कभी दूध, घी या मक्खन नहीं बेचते थे और काफी हद तक किसान थे. उनमें से कुछ बड़ी जागीरों के जमींदार थे. मथुरा (ब्रज) से बिहार और उसके आस-पास के क्षेत्रों में प्रवास करने वाले यादवों को मथुरौट/ मझरौत जाना जाने लगा. ओडिशा में पुरी राजघराने की राजगद्दी इसी मधुवंशी/मथुरा पुरिया शाखा के यादवों की है जिन्हे गजपति की उपाधि है. यहां के हालिया महाराजा ही जगन्नाथ पुरी मंदिर के मुख्य ट्रस्टी हैं. कुछ मधुवंशी उड़ीसा से आंध्र देश होते तमिलनाडु के मदुरई में जा बसे. मदुरई की स्थापना अपने नाम पर की जो मथुरई यानी मथुरा वालों की नगरी कहलाई तथा बाद में मदुरई बना.
मझरौत समाज के ज़मींदार
बिहार और झारखंड में अहीर (यादव) जाति के कई शासक और जमींदार थे. ब्रिटिश राज के दौरान, अहीर जमींदार मुख्य रूप से बिहार के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में पाए जाते थे. उनमें से ज्यादातर अहीर के कृष्णौत और मझरौत वंश के थे .
• वर्मन वंश के शासक (Rulers of Varman dynasty).
• मुरहो एस्टेट के अहीर प्रमुख (Ahir Chieftain of Murho Estate).
• रानीपट्टी एस्टेट के जमींदार (Zamindar of Ranipatti Estate).
• खुर्दा करवेली के जमींदार (Landlords of Khurda Karveli).
• गोसाईदासपुर एस्टेट के जमींदार (Landlords of Gosaidaspur Estate).
• बेलवरगंज एस्टेट के जमींदार (Zamindar of Belwarganj Estate).
• पिपरा एस्टेट के जमींदार (Zamindar of Pipra Estate)
• शालिग्रामी के जमींदार (Zamindar of Shaligrami).
मझरौत कहां पाए जाते हैं?
मझरौत पूरे बिहार में पाए जाते हैं लेकिन संख्या में वे सहरसा और आसपास के जिले में अन्य उप-जातियों से अधिक हैं. जबकि अधिकांश यादव उत्तर और मध्य भारत में छोटे पैमाने के किसान थे, उनमें से कुछ ने पूर्वी बिहार (पूर्णिया और सहरसा) के नए पुनर्निर्मित क्षेत्र में भूमि का अधिग्रहण किया और बड़े भूमि धारक बन गए.
मझरौत यादव के प्रमुख व्यक्ति
• Rash Bihari Lal Mandal (रास बिहारी लाल मंडल)- मधेपुरा के जमींदार और यादव महासभा के संस्थापक.
• Mahendra Gop ( महेंद्र गोप)- एक स्वतंत्रता क्रांतिकारी).
• Bhupendra Narayan Mandal- (भूपेंद्र नारायण मंडल एक समाजवादी नेता).
• Shivnandan Prasad Mandal (शिवनंदन प्रसाद मंडल)- एक राजनीतिज्ञ.
• Kamleshwari Prasad Yadav (कमलेश्वरी प्रसाद यादव)- 1946 से 1950 तक भारत की संविधान सभा के सदस्य.
• B.P. Mandal (बी.पी. मंडल)- बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और मंडल आयोग के अध्यक्ष.
• Bijendra Prasad Yadav (बिजेंद्र प्रसाद यादव)- एक राजनेता, वर्तमान में बिहार सरकार में मंत्री हैं.
• Lalit Kumar Yadav ( ललित कुमार यादव) – एक राजनेता, वर्तमान में बिहार सरकार में मंत्री हैं.
• Prof. Chandrashekhar (प्रो चंद्रशेखर)- एक राजनेता, वर्तमान में बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री.
• Rajesh Ranjan, a Politician (राजेश रंजन)- राजनीतिज्ञ.
• Bhola Yadav, leader of RJD ( भोला यादव)-राजद के नेता.
• Ritlal Yadav (रीतलाल यादव)- वर्तमान में दानापुर के विधायक हैं.

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