Last Updated on 16/03/2023 by Sarvan Kumar
भारत में 6000 से अधिक हिंदू जातियां निवास करती हैं. इन जातियों को उनके पेशे के अनुसार कई समूहों में वर्गीकृत किया गया है, जैसे कृषक जातियां, पशुपालक जातियां, चर्मकार जातियां, बढ़ई जातियां आदि. भारत में कुछ ऐसी जातियाँ हैं जिनका पारंपरिक व्यवसाय बाल काटना रहा है, उनमें से एक नाई है. यहाँ हम भारत में नाई जाति की जनसंख्या के बारे में जानेंगे.
नाई जाति की जनसंख्या
भारत में पारंपरिक रूप से बाल काटने के व्यवसाय में शामिल जातियों को विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे बरिका, भंडारी, नपीता और नाई आदि. बाल काटने के अलावा इस समुदाय के महिलाओं और पुरुषों का विवाह, मुंडन, जन्म और धार्मिक संस्कारों में विशेष महत्व रहा है. नाई विवाह और धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान ब्राह्मण पुजारियों के सहायक के रूप में कार्य करते आए हैं. अतीत में इस समुदाय के लोगों की समाज में संदेशवाहक के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में शुभ-अशुभ समाचार पूरे गाँव तक पहुँचाने का कार्य नाई जाति के सदस्य करते हैं. यह समुदाय भारत में व्यापक रूप से वितरित है. भारत का शायद ही कोई कोना ऐसा हो जहां इस समुदाय के लोग नहीं रहते हों. सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े होने के कारण भारत के अधिकांश राज्यों में नाई जाति को अन्य पिछड़े वर्ग के साथ रखा गया है.
इनमें से कई अब अपने पारंपरिक व्यवसाय को छोड़कर अन्य व्यवसायों को अपनाने लगे हैं, लेकिन वहां भी पर्याप्त शिक्षा की कमी के कारण इनके मार्ग में कई बाधाएं हैं. यह समुदाय राजनीतिक भागीदार के मामले में भी पिछड़ा हुआ है और विधानसभा और लोकसभा में इस समुदाय की आवाज उठाने वाला कोई नहीं है.
आइए अब हम अपने मूल प्रश्न पर आते हैं और जानते हैं कि भारत में नाई जाति की जनसंख्या कितनी है.
भारत में नाई जाति की आबादी के बारे में कोई स्पष्ट आधिकारिक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं. इस समुदाय के लोग अपनी आबादी को लेकर तरह-तरह के दावे करते हैं. joshuaproject.net के अनुसार, भारत में हिंदू नाई जाति की जनसंख्या करीब 1 करोड़ 40 लाख है.