
Last Updated on 11/01/2022 by Sarvan Kumar
नक्कल (Naqqal) भारत में पाई जाने वाली एक मुस्लिम जाति है. इन्हें विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे- कश्मीरी भांड (Kashmiri Bhand) और कश्मीरी शेख (Kashmiri Shaikh). पारंपरिक रूप से इस समुदाय के लोग बहरूपिया के रूप में नकल करके अपना जीवन यापन करते थे. समय के साथ उनके पारंपरिक व्यवसाय में गिरावट आने लगी. फलस्वरूप यह जीवन निर्वाह के लिए अपने पुश्तैनी काम को छोड़कर अन्य व्यवसायों को अपनाने लगे. वर्तमान में अधिकांश नक़्कल दुकानदारी और फेरी लगाने का काम करते हैं. इनमें से कुछ अब दिहाड़ी मजदूर हैं. कुछ पढ़े-लिखे लोग नौकरियों में कार्यरत हैं.आइए जानते हैैं नक्कल समाज का इतिहास, नक्कल की उत्पति कैसे हुई?
नक्कल समाज एक परिचय
भारत सरकार के सकारात्मक भेदभाव की व्यवस्था आरक्षण के अंतर्गत इन्हें उत्तर प्रदेश और दिल्ली में अन्य पिछड़ा वर्ग (Other Backward Class, OBC) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. यह मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश और दिल्ली में निवास करते हैं. उत्तर प्रदेश में यह मुख्य रूप से लखनऊ के पुराने इलाकों में पाए जाते हैं. नक्कल शिया इस्लाम का पालन करते हैं. इनके रीति रिवाज लखनऊ के अन्य मुस्लिम समुदायों के समान ही हैं. यह आमतौर पर उर्दू हिंदी और अवधी भाषा बोलते हैं.
#Naqqaal are a Muslim community found in the state of Uttar Pradesh and Delhi in
They are a sub-group within the larger #Bhand community.The Naqqaal literally means mimics in Urdu (from “Naqal”)
they were mimics at the court of the Nawabs of Awadh.
Their mother tongue is #Urdu. pic.twitter.com/fHxFiZk6Of— Indo Islamic Culture (@IndoIslamicPage) September 14, 2019
नक्कल की उत्पत्ति कैसे हुई?
“नक्कल” शब्द की उत्पत्ति उर्दू भाषा के शब्द “नकल” से हुई है. इस समुदाय के लोग अवध के नवाबों के दरबार में नकल (mimicry) करके लोगों का मनोरंजन किया करते थे. इसीलिए इनका नाम नक्कल पड़ा. इनकी उत्पत्ति के बारे में अनेक मान्यताएं, जिसके बारे में नीचे बताया जा रहा है.
1.नक्कल मूल रूप से बृहत भांड समुदाय (Bhand community) के अंतर्गत आने वाला एक उप समूह है. एक अन्य मान्यता के अनुसार, यह मिरासी समुदाय (Mirasi community) की एक शाखा हैं. मिरासी, पारंपरिक रूप से, गायकों और नर्तकों की एक मुस्लिम जाति है.
2. इस समुदाय के लोग खुद को नक्कल कहलाना पसंद नहीं करते और कश्मीरी शेख होने का दावा करते हैं. कश्मीरी शेख के रूप में एक नई पहचान हासिल करने के उद्देश्य से यह अपने पारंपरिक पेशे छोड़कर अन्य व्यवसाय अपनाने लगे.नक्कल अब सफल व्यवसायियों का समुदाय हैं.
3. कहा जाता है कि अवध के नवाब नसीर-उद-दीन हैदर (Nawab Nasir-ud-din Haider) ने इन्हें कश्मीर से आमंत्रित किया था. इस समुदाय के अधिकांश लोग खुद को अली जान (Ali Jan) का वंशज मानते हैं, जो कश्मीर से आए थे, और अवध के नवाब वाजिद अली शाह (Wajid Ali Shah) के दरबार में अपनी सेवाएं दी थी. अली जान के बाद उनके वंशजों ने बहरूपिया के रूप में नकल करके अवध के तालुकदारों के मनोरंजन करने की परंपरा को बनाए रखा.

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