Sarvan Kumar 20/02/2018

तिरुपति मंदिर गैर-ब्राह्मण ,दलित बने पुजारी परंपरागत अंधविश्वास और रूढ़िवादी को पीछे छोड़ते हुए तिरुमला तिरुपति देवस्थान (टीटीडी) का पहला गैर-ब्राह्मण पुजारियों का बैच तैयार हो चुका है. मुख्य रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से आने वाले पुजारी जल्द ही प्रभार ग्रहण करने वाले हैं. टीटीडी प्रबंधन द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तहत दलित […]

Sarvan Kumar 24/01/2018

भारत ने अनेक लोकप्रिय राजनेता देखें हैं जिन्होंने अपने व्यक्तित्व और कार्य से देश की जनता पर अपना प्रभाव छोड़ा है. भारत के अबतक के लोकप्रिय राजनेताओं की सूचि में प्रधानमंत्री मोदी ने काफी कम समय में अपना एक विशिष्ट स्थान बना लिया है. मोदी के बारे में लोगों की अपनी-अपनी राय हो सकती है. […]

Sarvan Kumar 22/01/2018

मुसलमानों के प्रति  सरदार वल्लभभाई पटेल की राय को लेकर उनके जीवनकाल से ही सवाल उठते रहे हैं. इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक दलों, मीडिया और सोशल मीडिया पर बहस होती रहती है.  सरदार पटेल मुस्लिमों को लेकर क्या सोचते थे. आइए जानते हैं  विभिन्न मुद्दों पर  क्या थे सरदार पटेल के विचार। राजागोपालचारी का […]

Sarvan Kumar 22/01/2018

इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की 6 दिवसीय भारत की यात्रा पर आये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.बदलते हुए वैश्विक परिदृश्य को देखते यह यात्रा कोई मायनो में में बहुए महत्वपूर्ण है. सबसे सुखद बात ये है की दोनों देश बहुत ही गर्मजोशी और सकारात्मकता के साथ भारत-इस्राइल रिश्ते […]

Sarvan Kumar 20/01/2018

VHP के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण भाई तोगड़िया आजकलमीडिया में छाये हुए हैं. आज जो प्रवीण भाई तोगड़िया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कटुता सबके सामने आयी है वो अनायास नहीं हुआ है. यह कटुता . 2002-03 से पैदा हुई रार का नतीजा है. इसका भगवा खेमे में क्या प्रभाव पड़ेगा ये समय बताएगा. प्रवीण […]

Sarvan Kumar 18/01/2018

धीरे-धीरे अब लगने लगा है कि कांग्रेस छाप धर्मनिरपेक्षता (सेक्यूलरिज्म) के बुरे दिन आ गए हैं। कांग्रेस के लिए यह भले ही बुरी खबर होगी, पर भारत के लिए यह बहुत ही शुभ है। यहां यह स्पष्ट कर देना ज़रूरी है की सच्चा सेक्यूलरिज्म विविधताओं से भरे इस देश के लिए बहोत अच्छा है। सच्चे […]

Sarvan Kumar 17/01/2018

उत्तर प्रदेश और राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले दो-तिहाई लोगों के बीच छुआछूत जैसी सामाजिक कुप्रथा बरकरार है.समाज से छुआछूत मिटाने के लिए काफी लंबे वक्त तक जन आंदोलन हुए. बावजूद इसके 21वीं सदी के भारत में ये सामाजिक बीमारी अब भी घर किए हुए है. आइए जानते हैं कितनी गहरी है छुआछूत […]