Sarvan Kumar 08/04/2020

Last Updated on 08/04/2020 by Sarvan Kumar

कोरोनावायरस महामारी को नियंत्रण करने के लिए देश में लॉक डाउन लागू है. 21 दिनों का यह लॉक डाउन 14 अप्रैल को खत्म हो रहा. लेकिन कोरोना मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या से आशंका जताई जा रही की 14 अप्रैल के बाद भी यह लॉक डाउन जारी रह सकता है.

लॉक डाउन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी दलों के नेताओं से किया है. जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा है कि तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण 14 अप्रैल को लॉक डाउन खोलना संभव नहीं हो पाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस मुद्दे पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे, उसके बाद फैसला किया जाएगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी का हमारे जनजीवन पर व्यापक असर पड़ेगा. कोरोना महामारी का हमारे व्यवहारिक, सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन पर प्रभाव रहेगा तथा कोरोना कि बाद का जीवन एक समान नहीं होगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न दलों के नेताओं से लॉक डाउन पर चर्चा किया है. इस चर्चा में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, डीएमके, एआईएडीएमके, टीआरएस, सीपीएम, टीएमसी, एनसीपी, शिवसेना, अकाली दल, जनता दल यूनाइटेड, लोक जनशक्ति पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल के फ्लोर लीडर्स भाग लिया. वहीं, बीजेपी के तरफ से इस सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावे प्रह्लाद जोशी, अर्जुनराम मेघवाल, वी. मुरलीधरन, नरेंद्र तोमर और थावरचंद गहलोत उपस्थित रहे.

इस बैठक में विभिन्न पार्टी के साधन के नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री के सामने 5 मांगे रखी गई हैं. इनमें राज्य एफआरबीएम राजकोषीय सीमा को 3 से 5% करने, राज्यों को उनका बकाया देने, रिलीफ पैकेज को GDP के 1% से बढ़ाकर 5% करने, कोरोना टेस्ट को फ्री करने और पीपीई समेत सभी मेडिकल उपकरण मुहैया कराने की मांग की गई है.

Leave a Reply