
Last Updated on 29/12/2020 by Sarvan Kumar
“जीवन की सब से अनमोल चीजें है- वक्त और सेहत. अगर ये हाथ से निकल जाएँ तो हम पूरी दुनिया की दौलत से भी इन्हें ख़रीद नहीं पाएँगे.” क्या खूब कहा है रजत शर्मा जी ने। आज हिन्दी न्यूज चैनल India TV के चेयरमैन , एडिटर-इन-चीफ और प्रसिद्ध पत्रकार रजत शर्मा का tweet आया,पढकर काफी प्रेरणा मिली। ऐसे तो दुनिया की तमाम चीजें पैसों से खरीदी जा सकती है पर वक्त और सेहत हाथ से निकल जाऐं तो हम उसे किसी तरह वापस नहीं ला सकते। हम कुछ कामों को कल पर छोड़ देते हैं, हम अपने आलसीपन के चलते आज का वक्त बर्बाद कर देते हैं। हम अपने जीवन में कई बार ऐसी गलती करते हैं और अपना बहुमूल्य समय नष्ट कर देते हैं। समय नष्ट होने का ये मतलब यह हुआ कि हमारी मंजिल और दूर हो गया। जो काम जिस समय पर हो सकता है उस काम को उसी समय पर करें।
आप जब छात्र जीवन में होते हैं तो बस पढाई के बारे में ही सोचें। देखा जाता है कि छात्र social media पर काफी Active रहते हैं,WhatsApp,Facebook पर दोस्तों से गप्पें लड़ा रहे होते हैं। हम उन कामों में उलझ जाते हैं जो कुछ और नहीं बस हमारा समय नष्ट करते हैं।
“जीवन की सब से अनमोल चीजें है- वक्त और सेहत. अगर ये हाथ से निकल जाएँ तो हम पूरी दुनिया की दौलत से भी इन्हें ख़रीद नहीं पाएँगे.”
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) December 29, 2020
हिन्दु धर्म में चार व्यवस्था
हिन्दू धर्म की बात करें तो इसमें आश्रम व्यवस्था को उम्र के चार हिस्सों में बांटा गया है। ये चार व्यवस्था है ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास। ब्रह्मचर्य का मतलब है सिक्षा और संस्कार ग्रहण करने का समय, हम उन चीजों से दूर रहे जो हमे सिक्षा और संस्कार ग्रहण करने में बाधक बन रहे हो। गृहस्थ जीवन में हम शादी कर अपना पारिवारिक दायित्व पूरा करते हैं। वानप्रस्थ का मतलब गृहस्थ भार से मुक्त होकर जनसेवा, धर्मसेवा, विद्यादान और ध्यान का विधान है। अंतिम व्यवस्था है संन्यास जिसमें मनुष्य सब भार से मुक्त होकर वन को चले जाते हैं। अगर हम चारों व्यवस्था का सही से पालन करें तो हम वक्त बचाने के साथ -साथ सेहत भी बना सकते हैं, सेहत और वक्त का ख्याल रखने से हमें मनचाही सफलता मिल सकती है।

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