Ranjeet Bhartiya 24/09/2021

Last Updated on 24/09/2021 by Sarvan Kumar

सैनी उत्तर भारत में पाई जाने वाली एक क्षत्रिय जाति है. सैनी जाति का इतिहास गौरवशाली, महान और प्राचीन है. स्वतंत्रता आंदोलन और स्वतंत्रता मिलने के बाद देश के निर्माण में सैनी समाज का योगदान सराहनीय रहा है. यह परंपरागत रूप से जमींदार और किसान थे.  एक वैधानिक कृषि जनजाति और एक निर्दिष्ट मार्शल रेस के रूप में सैनी मुख्य रूप से कृषि और सैन्य सेवाओं में लगे हुए थे. आजादी के बाद उन्होंने विविध प्रकार के नौकरी, पेशा और रोजगार में शामिल होने लगे . अंग्रेजों ने विभिन्न जिलों में कुछ सैनी जमींदारों को जैलदार या राजस्व संग्राहक (Revenue Collector) के रूप में नियुक्त किया था. आइए जानते हैं सैनी जाति का इतिहास सैनी शब्द की  उत्पत्ति  कैसे हुई?

सैनी  किस कैटेगरी में आते हैं?

सैनी जाति को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली और उत्तर प्रदेश राज्यों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है. इन राज्यों में इन्हें ओबीसी कोटे के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का लाभ मिलता है.

सैनी कहां पाए जाते हैं?

सैनी मुख्य रूप से उत्तर भारतीय राज्यों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में निवास करते हैं.

सैनी किस धर्म  को मानते हैं?

सैनी हिंदू और सिख दोनों धर्मों को मानते हैं, लेकिन दोनों एक दूसरे की धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं का सम्मान करते हैं. यहां यह बता देना जरूरी है कि अधिकांश सैनी हिंदू हैं जिन्हें अपने वैदिक सनातनी अतीत और परंपराओं पर गर्व है.
15वीं सदी में सिख धर्म के उद्भव के साथ कई सैनियों ने सिख धर्म अपना लिया. आज पंजाब में सिख सैनियों की बड़ी आबादी है. हिंदू और सिख सैनियों में सीमांकन की रेखा बहुत धुंधली है. यह आपस में सहजता से अंतर विवाह करते हैं.

सैनी शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई ?

सैनी शब्द की उत्पत्ति राजा “शूरसेन” के नाम से हुई है. वह एक पराक्रमी वीर योद्धा थे. कभी वर्तमान के मथुरा नगर पर राजा शूरसेन का शासन हुआ करता था. मथुरा प्राचीन भारत के 16 जनपदों में से एक था. शूर शब्द का शाब्दिक अर्थ वीर बहादुर या योद्धा होता है.

महाराजा शूर सैनी

सैनी जाति का इतिहास

सैनी जाति की उत्पत्ति के बारे में मुख्य रूप से तीन मान्यताएं प्रचलित हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है.

पहली मान्यता

पहली मान्यता के अनुसार सैनी समाज भगवान श्री राम के पुत्र कुश के वंशज हैं. इसके अनुसार कुश से  कुशवाहा, मौर्य, शाक्य और सैनी संप्रदाय बना है.

दूसरी मान्यता

इस मान्यता के अनुसार सैनी समाज अयोध्या के राजा दशरथ के छोटे पुत्र और भगवान श्री राम के अनुज शत्रुघ्न के वंशज हैं. शत्रुघ्न ने यमुना तट पर स्थित मधुबन को जीतकर उसकी जगह वर्तमान  मथुरा नगर को बसाया था. शत्रुघ्न के पुत्र शूरसेन हुए और शूरसेन के पुत्र शूरसैनी हुए‌, जिनसे सैनी समाज की उत्पत्ति हुई.

तीसरी मान्यता

इस मान्यता के अनुसार सैनी खुद को महाराजा शूर सैनी
(शूर सैन) का वंशज होने का दावा करते हैं. महाराजा शूर सैनी का जन्म महाभारत काल में हुआ था. वह चंद्रवंशी क्षत्रिय थे. प्राचीन ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार मथुरा महाराजा शूरसेन महाराजा की राजधानी थी. शूर सैन वासुदेव के पिता और भगवान कृष्ण के दादा थे. इस पौराणिक मान्यता के अनुसार, सैनी यह दावा करते हैं कि उनके पूर्वज यादव थे और यही वह वंश है जिसमें श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. यादवों की 43वीं पीढ़ी में राजा विदरथ के पुत्र शूरसैनी (सूरसैनी) हुए. महाराजा शूर सैनी के वंशज ही सैनी कहलाए.

आज सैनी समुदाय  के लोग सरकारी नौकरी, शिक्षा, सेना, वकालत, प्रशासनिक सेवा, व्यवसाय, प्रबंधन, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, अनुसंधान, टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य सेवा, आदि में अपने सेवाऐ  दे रहे है।

सैनी समाज  के प्रमुख  व्यक्ति

सैनी समाज ने देश को देश को बड़े बड़े योद्धा, कलाकार, विद्वान और खेल प्रतिभाएं दी हैं. उनमें से कुछ के बारे में हम नीचे उल्लेख कर रहे हैं.

सूबेदार जोगिंदर सिंह

सूबेदार जोगिंदर सिंह (28 सितंबर 1921-23 अक्टूबर 1962) भारतीय सेना में सैनिक थे. इनका जन्म पंजाब के मोगा जिले, ब्रिटिश इंडिया में एक किसान सैनी सिख परिवार में हुआ था. 1962 के भारत-चीन युद्ध में अदम्य साहस और असाधारण वीरता के लिए इन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च सैन्य अलंकरण परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था.

गुरबचन सिंह सलारिया

कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया ( 29 नवंबर 1935-5 दिसंबर 1961) भारतीय सेना में अधिकारी और यूनाइटेड नेशंस पीसकीपिंग फोर्स के सदस्य थे. गुरबचन सिंह परमवीर चक्र से सम्मानित किए जाने वाले एकमात्र संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक हैं. भारत सरकार द्वारा साल 1962 में उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था.

नवनीत सैनी

नवनीत सैनी का जन्म 23 नवंबर 1993 में हरियाणा के करनाल में हुआ था. वह भारतीय क्रिकेट टीम के जाने-माने गेंदबाज हैं.

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