
Last Updated on 28/03/2023 by Sarvan Kumar
नाई (Nai) एक सामान्य शब्द (generic term) है जो उन सभी व्यावसायिक जातियों को संदर्भित करता है जो पारंपरिक रूप से बाल काटने के व्यवसाय में शामिल रही हैं. हिंदू नाई जाति का इतिहास बहुत प्राचीन है. बाद में भारत में अन्य धर्मों के लोग भी बाल काटने के व्यवसाय में शामिल होने लगे. उदाहरण के लिए, मुस्लिम नाई या नाई, मुसलमानों की एक जाति जिसका पुश्तैनी पेशा बाल काटना रहा है. यहां हम हिंदू नाई की बात करेंगे और जानेंगे कि नाई कितने प्रकार के होते हैं यानी नाई के प्रकार.
नाई के प्रकार
नाई भारत में व्यापक रूप से वितरित जाति है. इनकी उत्तर भारत, पश्चिम भारत, मध्य भारत, दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर राज्यों में उपस्थिति है. यद्यपि ये कार्यात्मक रूप से भिन्न नहीं हैं, लेकिन विभिन्न प्रांतों में उन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इनके नामों में जबरदस्त विविधता है, जिस पर स्थानीय प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. यह भी देखा गया है कि एक ही क्षेत्र में इस समुदाय को एक से अधिक नामों से जाना जाता है. नाई जाति के विभिन्न प्रकारों के बारे में नीचे उल्लेख किया गया है.
नापित (Napit)
नाई शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के शब्द “नापित” से मानी जाती है. भारत के पूर्वी राज्य पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्य असम और त्रिपुरा में नाई जाति को नापित के नाम से जाना जाता है. उड़ीसा और गोवा में भी नापित पाए जाते हैं.
नाई (Nai)
भारत के कई हिंदी भाषी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों जैसे बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान तथा पंजाब, दमन और दीव, दादर नगर हवेली, गोवा और गुजरात के कुछ भागों में, इस समुदाय को आमतौर पर नाई के नाम से जाना जाता है.
नाइस (Nais)
चंडीगढ़ हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में इन्हें नाइस कहा जाता है.
न्हावी (Nhavi)
गोवा, दमन और दीव तथा महाराष्ट्र के कुछ भागों में इन्हें न्हावी के नाम से जाना जाता है.
नाई-ब्राह्मण (मांगली), मंगला (Nayi-Brahmin (Mangali), Mangala)
दक्षिण भारत के कुछ राज्यों, जैसे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में, नाई समाज की उपस्थिति नाई-ब्राह्मण (मंगली) या मंगला के रूप में है.
वालंद (Valand)
गुजरात, महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों तथा दादर और नगर हवेली में नाई जाति को वालंद के नाम से जाना जाता है. बता दें कि गुजराती भाषा में वालंद शब्द नाई जाति के लिए प्रयुक्त होने वाला शब्द है.
श्रीवास (Shrivas)
मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में इन्हें श्रीवास या श्रीवास सेन के नाम से जाना जाता है.
सविता समाज (Savitha Samaj)
कर्नाटक में नाई जाति को सविता समाज कहा जाता है. मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों तथा दिल्ली में भी इनकी उपस्थिति है.
सैन/सेन (Sain/Sen)
आधुनिक समय में उत्तरी भारत में नाई खुद को नाई के बजाय “सैन” कहते हैं. सैन नाइयों की कई राज्यों में उपस्थिति है जैसे कि दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड.
अंबात्तर (Ambattar)
अंबात्तर एक तमिल जाति है जो तमिलनाडु और श्रीलंका के पूर्वोत्तर भाग में पाई जाती है. यह परंपरागत रूप से वैद्य, दाई और नाई के रूप में काम करते आए हैं
अम्बट्टन (Ambattan)
यह मुख्य रूप से कर्नाटक में पाए जाते हैं.
बरिका या भंडारी (Barika or Bhandari)
बरिका या भंडारी उड़ीसा राज्य में पाए जाते हैं. परंपरागत रूप से ये पेशे से नाई हैं. विवाह, जन्म और मृत्यु के अवसर पर उनकी सेवा अपरिहार्य है
References:
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•https://www.thehindu.com/news/cities/Mangalore/savitha-samaja-to-encourage-hairdressers-and-beauticians-start-using-herbal-products/article66077991.ece
•https://www.bhaskar.com/MP-OTH-MAT-latest-bhind-news-031005-3081696-NOR.html/
•https://hindi.news18.com/news/nation/andhra-pradesh-government-bans-objectionable-words-against-barber-brahmins-stv-4465488.html

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