Ranjeet Bhartiya 27/04/2023
Jankaritoday.com अब Google News पर। अपनेे जाति के ताजा अपडेट के लिए Subscribe करेेेेेेेेेेेें।
 

Last Updated on 28/04/2023 by Sarvan Kumar

शक्ति का महत्व अनादिकाल से रहा है. सरल अर्थ में शक्ति शब्द का तात्पर्य ताकत, बल या योग्यता से है. शक्ति हमें किसी कार्य को करने की क्षमता देती है. शक्ति से हम लोगों और व्यवस्थाओं को नियंत्रित करने की क्षमता प्राप्त करते हैं. शक्ति वह प्रभाव है जिससे समाज में प्रभुत्व स्थापित किया जाता है. ब्राह्मणों का भारत में प्राचीन काल से ही हर क्षेत्र में प्रभाव रहा है. यहां हम जानेंगे कि ब्राह्मण की शक्ति क्या है.

ब्राह्मण की शक्ति क्या है?

ब्राह्मणों की शक्ति (Power of Brahmin) के बारे में जानने से पहले इस समुदाय की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और वर्तमान स्थितियों के बारे में जानना आवश्यक है. परंपरागत रूप से, ब्राह्मण हिंदू मंदिरों और हिंदुओं के धार्मिक अनुष्ठानों में पुजारी का काम करते रहे हैं. प्राचीन काल में वे गुरुकुल में शिक्षक के रूप में सेवाएं देते थे और गुरुकुल में शिष्यों को शिक्षा प्रदान करने का दायित्व इन्हीं पर था. इनका मुख्य कार्य धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करना और करवाना था. ब्राह्मण शस्त्रों के साथ-साथ शास्त्रों के भी ज्ञाता थे. इन्हें अनेक प्रकार के निषेधों का पालन करना पड़ता था. ब्राह्मण धन संचय नहीं कर सकते थे, राजा नहीं बन सकते थे. सीमित संसाधनों के साथ सादगी और अनुशासन से अपना जीवन व्यतीत करना पड़ता था. जीवन निर्वाह के लिए यह मुख्य रूप से भिक्षा और दान दक्षिणा पर निर्भर थे. कालांतर में ब्राह्मण समुदाय के भीतर अयाचक ब्राह्मणों का उदय हुआ जो क्षत्रिय धर्म अपनाने लगे. इनमें से कई शासक भी हुए.

भारत की स्वतंत्रता के बाद समाज में अन्य जातियों के उदय के साथ निश्चित रूप से ब्राह्मणों की स्थिति में गिरावट आई है. ब्राह्मण का एक वर्ग सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक रूप से पिछड़ता जा रहा है.
ब्राह्मणों की कमजोर स्थिति के कई कारण हैं, जिनमें से एक प्रमुख कारण ब्राह्मण विरोधी राजनीति है. भारत में वंचित वर्गों के उत्थान के लिए सकारात्मक भेदभाव की आरक्षण व्यवस्था लागू है. इन तमाम कठिनाइयों और बाधाओं के बावजूद लगभग सभी क्षेत्रों में ब्राह्मणों का वर्चस्व बरकरार है.

आइए जानते हैं कि ब्राह्मणों ने किस शक्ति के दम पर अपना प्रभाव बनाए रखा है. ब्राह्मणों की शक्ति का आधार इनका शिक्षा के प्रति गहरा लगाव है. ब्राह्मणों का शिक्षा से गहरा नाता रहा है. इनकी परिस्थितियां कितनी भी प्रतिकूल क्यों न हों, इन्होंने पढ़ना-लिखना कभी नहीं छोड़ा. यह समुदाय के लोग ज्ञान उपार्जन के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. धर्म ग्रंथों में भी ज्ञान को ब्राह्मणों की शक्ति बताया गया है. ज्ञान के कारण ब्राह्मणों का समाज में हमेशा से सम्मान रहा है.
ब्राह्मण समाज की एक विशेषता रही है. जरूरत पड़ने पर इस समाज के लोग भगवान परशुराम की तरह हथियार उठाने से भी नहीं हिचकिचाते. इसलिए शास्त्र (ज्ञान) और शस्त्र दोनों ही ब्राह्मण की शक्ति है.

Disclosure: Some of the links below are affiliate links, meaning that at no additional cost to you, I will receive a commission if you click through and make a purchase. For more information, read our full affiliate disclosure here.

Leave a Reply