
Last Updated on 30/05/2023 by Sarvan Kumar
सनातन हिंदू धर्म में ब्राह्मणों का हमेशा से ही महत्व रहा है. ब्राह्मणों को चारों वर्णों में सर्वश्रेष्ठ और सर्वाधिक सम्मानित माना गया है. ” ब्राह्मण कौन हैं?” इस विषय पर विभिन्न ग्रंथों में विस्तार से चर्चा की गई है. विभिन्न महापुरुषों ने भी ब्राह्मण की अपने-अपने ढंग से परिभाषित किया है. आइए इसी क्रम में जानते हैं कि गीता के अनुसार ब्राह्मण कौन हैं.
गीता के अनुसार ब्राह्मण कौन हैं?
श्रीमद्भगवद्गीता जीवन दर्शन का ज्ञान देने वाला पवित्र ग्रंथ है. भारत के आध्यात्मिक ग्रंथों में गीता का विशेष स्थान है. इस पवित्र ग्रंथ में भगवान श्री कृष्ण ने चारों वर्णों का उनके गुणों के अनुसार विस्तार से वर्णन किया है. श्रीमद्भगवद्गीता के चौथे अध्याय में भगवान श्री कृष्ण वर्ण व्यवस्था के बारे में बताते हुए कहते हैं कि-
चातुर्वर्ण्यं मया सृष्टं गुणकर्मविभागशः।
तस्य कर्तारमपि मां विद्ध्यकर्तारमव्ययम्।।4.13।।
अर्थात- भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि चार वर्णों; ब्राह्मण, क्षत्रिय वैश्य और शूद्र; की रचना मैंने ही की है.
तो क्या वर्ण व्यवस्था के अंतर्गत मनुष्यों को चार भागों में बाटा गया है? भगवान श्री कृष्ण कहते हैं- वर्ण विभाजन मनुष्य को चार भागों में बांटना नहीं है बल्कि गुणों के माध्यम से कर्म को चार भागों में बांटा गया है.
स्पष्ट है कि भगवान श्री कृष्ण ने वर्ण विभाजन का आधार जन्म को नहीं बल्कि गुण और कर्म को माना है. यहां गुण का अर्थ सतोगुण, रजोगुण, और तमोगुण से हैं. तमोगुण आलस्य, निद्रा, प्रमाद (लापरवाही), नास्तिकता, अकर्मण्यता और अज्ञानता की अधिकता को दर्शाता है. रजोगुण गति और कर्मठता की मात्रा बताता है. रजोगुण कामवासना को उत्पन्न करता है.
रजोगुण की प्रधानता मनुष्य को अपनी कामनाओं की पूर्ति के लिए अथक परिश्रम करने के लिए प्रेरित करता है. सतोगुण ज्ञान और बुद्धि के प्रकाश का सूचक है. आइए अब इस लेख के मुख्य विषय पर आते हैं और जानते हैं कि गीता के अनुसार ब्राह्मण कौन हैं. कर्म करते-करते तमोगुण और रजोगुण का ह्रास होता है और सद्गुणों की प्रधानता हो जाती है. सद्गुणों की प्रधानता से सांसारिक कामनाएँ शांत हो जाती हैं. केवल सतोगुण सक्रिय रह जाने पर इन्द्रियों पर नियंत्रण, एकाग्रता, सरलता, ध्यान, समाधि, ईश्वरीय निर्देश, आस्तिकता आदि को धारण करने वाला साधक ब्रह्म में प्रवेश दिलानेवाली स्वाभाविक क्षमता के साथ ब्राह्मण कहलाता है.

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