Ranjeet Bhartiya 14/07/2023
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Last Updated on 14/07/2023 by Sarvan Kumar

पारंपरिक भारतीय सामाजिक व्यवस्था में, ब्राह्मण चार वर्णों में उच्चतम श्रेणी के वर्ण (सामाजिक वर्ग) के रूप में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. उनकी प्राथमिक भूमिका धार्मिक और बौद्धिक गतिविधियों से जुड़ी रही है. प्राचीन वर्ण व्यवस्था के तहत, ब्राह्मणों को पारंपरिक रूप से पवित्र ग्रंथों के अध्ययन और संरक्षण, धार्मिक अनुष्ठान करने और समाज को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. हालाँकि अधिकांश ब्राह्मण मुख्य रूप से धार्मिक, आध्यात्मिक और विद्वतापूर्ण गतिविधियों से जुड़े रहे हैं, लेकिन इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं जहाँ ब्राह्मण पृष्ठभूमि के लोगों ने राजवंशों की स्थापना की और उन पर शासन किया. इसी क्रम में यहां हम जानेंगे कि ब्राह्मण वंश के संस्थापक कौन थे.

ब्राह्मण वंश के संस्थापक कौन थे

ब्राह्मण वंश के संस्थापक (Founder of the Brahmin Dynasty) के बारे में जानने से पहले यह बताना आवश्यक है कि भारत ने अपने हजारों वर्षों के इतिहास में अनेक ब्राह्मण वंशों का उत्थान और पतन देखा है. ब्राह्मण राजवंशों का बौद्धिक गतिविधियों को बढ़ावा देने, कला, साहित्य और दर्शन के प्रचार प्रसार और संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान था. हिंदू धर्म और वैदिक परंपराओं को संरक्षित करने में भी इन ब्राह्मण राजवंशों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

यहां हम कुछ महत्वपूर्ण ब्राह्मण वंशों के संस्थापकों के नाम दे रहे हैं जो इस प्रकार हैं:

•पुष्यमित्र शुंग (Pushyamitra Shunga): शुंग राजवंश (185 BCE–73 BCE)

•वासुदेव कण्व (Vasudeva Kanva): कण्व वंश (73 BCE–28 BCE)

•अरोड़ के चाच (Chach of Aror): सिंध का ब्राह्मण राजवंश (632 CE- 724 CE)

•सामंत सेन (Samanta Sena): सेन राजवंश (1070 CE–1230 CE)

•कुलशेखर सिंकैयारियां (Kulasekara Cinkaiariyan): आर्यचक्रवर्ती राजवंश (1277 CE -1619 CE)

•राजा बीर सेन(Raja Bir Sen): बाघोचिया राजवंश

•कृष्ण राय (Krishna Roy): भूरिश्रेष्ठ राजवंश

(15 वीं सदी – 18 वीं सदी)

•नाथ ठाकुर (Nath Thakur): ओइनवार राजवंश (1325 CE – 1526 CE)

•पटवर्धन परिवार (चितपावन ब्राह्मण): पटवर्धन राजवंश (1733 CE- 1948 CE)

यहां यह उल्लेखनीय है कि प्राचीन भारत में, राजनीतिक शक्ति मुख्य रूप से क्षत्रियों जैसे योद्धा वर्गों के हाथों में केंद्रित थी, जो शासकों और प्रशासकों की भूमिका निभाते थे. शासकों के रूप में ब्राह्मणों का उदय एक जटिल ऐतिहासिक घटना है जो विभिन्न अवधियों और क्षेत्रों में घटित हुई.


References:

•Lloyd V. J. Ridgeon (2003). Major World Religions: From Their Origins to the Present. Psychology Press. p. 18. ISBN 9780415297967

•Sen, Sailendra Nath (1999). Ancient Indian History and Civilization. New Age International. p. 287. ISBN 978-81-224-1198-0.

•Jha, Ugra Nath (1980). The Genealogies and Genealogists of Mithila: A Study of the Panji and the Panjikars. Kishor Vidya Niketan.

•Chaurasia, Radhey Shyam (May 2002). History of Ancient India: Earliest Times to 1000 A.D. Atlantic Publishers & Dist. ISBN 978-81-269-0027-5.

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