
Last Updated on 18/07/2022 by Sarvan Kumar
कुर्मी भारत में पाई जाने वाली एक प्राचीन जाति है. इस समुदाय के लोग भगवान श्री राम के पुत्र लव से अपने वंश का दावा करते हैं. माना जाता है कि यह भारत के कुछ प्रारंभिक आर्य प्रवासियों के वंशज हैं. यह मूल रूप से एक क्षत्रिय योद्धा जाति हैं जो कालांतर में किसान बन गए. भारत के विभिन्न राज्यों में इस जाति की महत्वपूर्ण उपस्थिति है. आइए जानते हैं छत्तीसगढ़ में कुर्मी जाति की जनसंख्या के बारे में-
छत्तीसगढ़ में कुर्मी जाति की जनसंख्या
कुर्मी छत्तीसगढ़ राज्य में पाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण और ताकतवर जाति है. आमतौर पर यह कृषि से जुड़े हुए हैं, लेकिन इनमें से कई अब व्यवसाय भी करने लगे हैं. शिक्षा के क्षेत्र में इस समुदाय का तेजी से विकास हो रहा है और राज्य के सरकारी नौकरियों में इनकी महत्वपूर्ण भागीदारी है. छत्तीसगढ़ में कुर्मी जाति की जनसंख्या के बारे में अलग-अलग बातें कहीं जाती हैं तथा अलग-अलग दावे किए जाते हैं. इस समुदाय के नेता दावा करते हैं कि छत्तीसगढ़ में कुर्मी जाति की 20 फीसदी आबादी है. दैनिक हिन्दी समाचार पत्र “नई दुनिया” में छपे एक लेख के मुताबिक राज्य में कुर्मी की आबादी चार से पांच फीसद अनुमानित है. “ETV भारत” के रिपोर्ट के अनुसार भी प्रदेश में कुर्मी जाति की संख्या 5% है. वहीं, डिजिटल ऑनलाइन न्यूज़ पेपर
“The Print” के अनुसार, छत्तीसगढ़ में कुर्मी की संख्या राज्य की आबादी का 20 फीसदी है.जरा आंकड़ों का विश्लेषण करते हैं और छत्तीसगढ़ में कुर्मी जाति की वास्तविक जनसंख्या जानने का प्रयास करते हैं. छत्तीसगढ़ राज्य का गठन 1 नवम्बर 2000 को हुआ. राज्य में ओबीसी की आबादी और उसके अंदर अलग-अलग जातियों की आबादी को लेकर काफी विवाद है. राज्य में ओबीसी की आबादी 47 फीसद मानी जाती है, लेकिन यह वर्ग 52 फीसद का दावा करता है. इस वर्ग में 95 से अधिक जातियां शामिल हैं. अंग्रेजी अखबार “Hindustan Times” के एक रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में दो प्रमुख ओबीसी जातियां हैं-कुर्मी और साहू. राज्य की आबादी में इन दोनों समुदायों की भागीदारी 36% है. विभिन्न मीडिया रिपोर्ट में साहू समुदाय की आबादी को 11 से 12 प्रतिशत बताया गया है. “The Wire” के मुताबिक राज्य में साहू समुदाय की अनुमानित आबादी 17 से 20% है. वहीं, “Hindustan Times” के अनुसार प्रदेश में साहू समुदाय की आबादी 16% है. यानी कि राज्य में साहू समुदाय की न्यूनतम आबादी 11% और अधिकतम आबादी 20% हो सकती है. इस विश्लेषण के आधार पर हम अनुमान लगा सकते हैं कि छत्तीसगढ़ में कुर्मी जाति की की जनसंख्या संभवत: 16% (36%-20%) से 25% (36%-11%)
के बीच हो सकती है.छत्तीसगढ़ में कुर्मी समाज राजनीतिक रूप से अत्यंत ही शक्तिशाली है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कुर्मी जाति से आते हैं. बघेल को ओबीसी वर्ग के एक ताकतवर नेता माना जाता हैं. 1993 से बघेल छत्तीसगढ़ मानव कुर्मी क्षत्रिय समाज के संरक्षक हैं. छत्तीसगढ़ में कुर्मी समाज के राजनीतिक ताकत को इस बात से समझा जा सकता है कि यह समुदाय अकेले दम पर किसी भी राजनीतिक दल को हराने या जिताने का दम रखता है. लोकतंत्र में राजनीतिक शक्ति समुदाय की जनसंख्या के सीधे आनुपातिक है. इससे भी साबित होता है कि छत्तीसगढ़ में कुर्मी जाति की अच्छी खासी आबादी है.
References;
https://www.bhaskar.com/latest-bilaspur-news-032503-2245540.html/
Congress can replicate the Chhattisgarh model of defeating the BJP

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