Sarvan Kumar 18/01/2022
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Last Updated on 18/01/2022 by Sarvan Kumar

मुगल और ब्रिटिश काल का अवध ( Awadh / Oudh) वर्तमान उत्तर प्रदेश के एक भाग का नाम है। उत्तर प्रदेश, आजादी के पहले (1902-1947) आगरा और अवध के संयुक्त प्रांत ( United Provinces of Agra and Oudh ) के रूप में जाना जाता था। अवध वर्तमान में लखनऊ, सुल्तानपुर, रायबरेली, उन्नाव, कानपुर, भदोही, प्रयागराज, बाराबंकी, अयोध्या, अम्बेडकर  नगर, प्रतापगढ़ , बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, हरदोई, लखीमपुर खीरी, कौशाम्बी, सीतापुर, श्रावस्ती, उन्नाव, फतेहपुर, कानपुर, (जौनपुर, और मिर्जापुर के पश्चिमी हिस्सों), कन्नौज, पीलीभीत, शाहजहांपुर से बनती है।

अवध शब्द कि उत्पति कैसे हुई?

अवध शब्द अयोध्या से आया है, वही अयोध्या जो भगवान श्री राम का जन्मस्थली और एक ऐतिहासिक नगर है। यह क्षेत्र कभी सिंधु घाटी सभ्यता का हिस्सा था जो आर्यो के आगमन के बाद उनके कब्जे में चले गए। अवध क्षेत्र का इतिहास तीन भागों में लिखा जा सकता है प्राचीन, मध्यकालीन  और आधुनिक.

अवध का इतिहास

प्राचीन काल ( 3000BC -500AD)

अवध का इतिहास सिंधु घाटी सभ्यता से शुरू होता है। यह क्षेत्र कभी वृहत इंडस वैली सिविलाइजेशन का हिस्सा था जो वैदिक काल (1500 BC and 600 BC) में आर्यो के कब्जे में आ गया। छठी शताब्दी ईo पूo भारत में सोलह महाजनपदों का अस्तित्व था। वर्त्तमान अवध का क्षेत्र इसी एक महाजनपद के अंतर्गगत आता था। इस महाजनपद को कोसल/ कौशल कहा जाता था इसकी राजधानी श्रावस्ती था। कोसल एक महाजनपद था शाक्यों का कपिलवस्तु गणराज्य, कुशावती नगर और साकेत (अयोध्या) कोसल महाजनपद के ही अंतर्गत आते थे। कोसल के सर्वाधिक प्रसिद्ध शासक प्रसेनजित इच्छवाकु कुल के थे।अयोध्या, साकेत, श्रावस्ती इसके प्रमुख नगर थे। रामायण काल में कोसल की राजधानी अयोध्या/ साकेत था। बौद्ध काल में कोसल के दो हिस्से हो गए, उत्तरी भाग की राजधानी साकेत तथा तथा दक्षिणी भाग की राजधानी श्रावस्ती थी। यह बाद में मगध के पड़ोसी राज्य के साथ युद्धों की एक श्रृंखला से कमजोर हो गया और, 5 वीं शताब्दी ईसा पूर्व में, अंततः मगध के अधीन हो गया।

मध्यकालीन भारत मे अवध का इतिहास

(500 AD -1500AD)

सम्राट हर्षवर्धन (600 AD) के बाद देश कई  छोटे छोटे राज्यों में बंट गया। कई सारे नए प्रांतीय राजवंशों का उदय हुआ जिनमे पश्चिम में राजपूत , गुर्जर , सोलंकी, चालुक्य  आदि , उसी तरह  से उत्तर भारत के अवध प्रांत में राजपासी का उदभव हुआ। पासी राजाओं के बाद यह क्षेत्र पहले राजपूत और फिर मुसलमान के कब्जे में आ गया। ब्रिटिश आगमन के बाद यह क्षेत्र आजादी मिलने तक अंग्रेजों के अधीन रहा।

अवध की स्थापना किसने की (GK Question)

आधुनिक युग 15वीं शताब्दी से शुरू हुआ और आज तक जारी है। सआदत खान बुरहान-उल-मुल्क (AD1722-1739) ने अवध को एक स्वायत्त राज्य के रूप में स्थापित किया। मुगल साम्राज्य के शासक मुहम्मद शाह ने सआदत खान को अवध का राज्यपाल नियुक्त किया। जैसे-जैसे मुगल सत्ता कमजोर होते गया, अवध मजबूत और अधिक स्वतंत्र होता गया। इसकी राजधानी फैजाबाद (बाद में लखनऊ)थी।अवध के दूसरे नवाब सफदर जंग के शासनकाल के दौरान फैजाबाद एक बस्ती के रूप में विकसित हुआ। सआदत खान को 1722 में नवाब नियुक्त किया गया और उसने लखनऊ के पास फैजाबाद में अपना दरबार स्थापित किया। उसने अवध राजवंश की नींव रखने के लिए दिल्ली में कमजोर मुगल साम्राज्य का फायदा उठाया। 1819 तक अवध एक नवाब द्वारा प्रशासित मुगल साम्राज्य का एक प्रांत था।

अवध के अंतिम नवाब कौन थे?

नवाब वाजिद अली शाह अवध के अंतिम शासक थे। वाजिद अली शाह को 1856 में कलकत्ता निर्वासित कर दिया गया था, जब उनका राज्य अंग्रेजों द्वारा कब्जा कर लिया गया था। उन्होंने अपना शेष जीवन एक अच्छे भत्ते के साथ वहीं बिताया। वाजिद अली शाह ने 1847-1856 तक शासन किया और अवध के अंतिम नवाब थे। बेगम हज़रत महल (1820 –  1879), जिसे अवध की बेगम के रूप में भी जाना जाता है, अवध के नवाब वाजिद अली शाह की दूसरी पत्नी और 1857-1858 में अवध की रीजेंट थीं। 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ विद्रोह में उनकी प्रमुख भूमिका के लिए उन्हें जाना जाता है।

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