Ranjeet Bhartiya 19/09/2022

Last Updated on 19/09/2022 by Sarvan Kumar

बनिया भारत में निवास करने वाला एक महत्वपूर्ण समुदाय हैं जिसे अपने तीक्ष्ण व्यापारिक कौशल के कारण व्यापार और वाणिज्य के क्षेत्र में महारत हासिल है. बनिया समुदाय ने पिछले 3000 साल  से भी अधिक समय से भारत की आर्थिक शक्ति को आगे बढ़ाया है, और आज भी इसे जारी रखे हुए हैं. बनिया समूह न केवल पारंपरिक व्यापारिक क्षेत्रों में बल्कि आईटी-सक्षम ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और अन्य सेवाओं जैसे नई पीढ़ी के उद्योगों में भी प्रभावी हैं. भारत को विश्व की आर्थिक महाशक्ति बनाने में इस समुदाय का अतुलनीय योगदान है. आइए जानते हैं बनिया जाति में कितने गोत्र होते हैं?

बनिया जाति के गोत्र

बनिया एक विशाल समूह है जिसमें सैकड़ों घटक शामिल हैं. अग्रहरि, अग्रवाल, गहोई, गुप्ता, महावर, झुनझुनवाला, केसरवानी, महेश्वरी, मोध, तेली, हलवाई, लोहिया स्वर्णकार, लाला, सेठ, उमर (वैश्य), उनाई साहू, विजयवर्गीय, रौनियार, पोद्दार, बरनवाल, खंडेलवाल आदि को वैश्य बनिया समुदाय का सदस्य माना जाता है. बनिया समुदाय के प्रत्येक घटक में कई गोत्र पाए जाते हैं. बनिया समुदाय के 350 से भी अधिक उपवर्गों की बात करें तो कुल गोत्रों की संख्या हजारों में हो सकती है. बनिया समुदाय के प्रमुख उपसमूहों में पाए जाने वाले गोत्रों (की संख्या) का संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है-

अग्रवाल

अग्रवाल समाज 18 गोत्रों का एक समूह है.

1-ऐरन, 2-बंसल, 3- बिंदल, 4- भन्दल, 5- धारण, 6- गर्ग, 7- गोयल, 8- गोयन, 9- जिंदल, 10- कंसल,11- कुच्छल, 12- मधुकुल, 13- मंगल, 14- मित्तल,15- नागल, 16- सिंघल, 17- तायल और 18- तिंगल.

ओसवाल

ओसवाल समुदाय के प्रमुख 18 गोत्र इस प्रकार हैं-

1. आदित्यनाग, 2. बप्पनाग, 3. भद्र, 4. भूरी, 5. चिंचट, 6. दीदु, 7. कन्नोजिये, 8. कर्नाट, 9. कुलहत, 10. कुमत, 11. लघुश्रेष्ठी, 12. मोरक्ष, 13. श्रेष्ठ, 14. श्री श्रीमल, 15. सुचांती, 16. तातार, 17. वल्लाह और 18. वीरहरत

खंडेलवाल

खण्‍डेलवाल वैश्‍य समाज में 70 से ज्यादा गौत्र हैं.

माहेश्वरी

महेश्वरी वैश्य समाज में 70 से अधिक गोत्र पाए जाते हैं. इनके प्रमुख गोत्र किस प्रकार हैं- सोनी, बजाज, राठी, बिड़ला, इत्यादि.

दिगम्बर जैन वैश्य 

दिगंबर जैन वैश्य की बात करें तो इनमें 80 से ज्यादा गोत्र पाए जाते हैं.

विजयवर्गीय

विजयवर्गीय मुख्य रूप से राजस्थान और मध्य प्रदेश में पाया जाने वाला वैश्य बनिया समुदाय है. इस समुदाय में 150 से ज्यादा गोत्र पाए जाते हैं.

महावर वैश्य

महावर वैश्य समाज में 50 से अधिक गोत्र पाए जाते हैं.

पोरवाल

पोरवाल वैश्य समुदाय में 15 से अधिक गोत्र पाए जाते हैं.

माथुर वैश्य

माथुर वैश्य समुदाय में 90 से अधिक गोत्र पाए जाते हैं.

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