
Last Updated on 13/03/2023 by Sarvan Kumar
प्राचीन काल से ही कायस्थ जाति का भारतीय समाज में महत्वपूर्ण स्थान रहा है. ऐतिहासिक रूप से, इस समुदाय के लोगों ने प्रशासकों, मंत्रियों और लेखाकारों के रूप में सेवा देकर सत्ताधारी शक्तियों को राज्य के सुचारु संचालन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. देश के स्वतंत्रता आंदोलन में इस समुदाय के क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. आजादी के बाद देश की राजनीति में इस समुदाय की महत्वपूर्ण भागीदारी रही है. आइए इसी क्रम में जानते हैं दक्षिण भारत के कायस्थ नेताओं के बारे में.
दक्षिण भारत में कायस्थ नेता
इस लेख के मुख्य बिंदु पर आने से पहले कायस्थ समाज के बारे में कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को जान लेना आवश्यक है. यह समुदाय अपनी बुद्धिमत्ता के लिए प्रसिद्ध रहा है. अपनी बुद्धि के बल पर इस समुदाय ने समाज में अपना प्रभाव बनाए रखा है और वर्तमान समय में इस जाति की गिनती देश के सबसे शिक्षित और सुसंस्कृत समुदायों में होती है. अपने बौद्धिक कौशल के बल पर यह समुदाय सरकारी सेवाओं, प्रशासनिक सेवाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा और राजनीति जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सक्रिय और अग्रणी भूमिका निभाता रहा है. कायस्थ समाज ने देश को कई महापुरुष दिए हैं. राजनीति में कायस्थ वरिष्ठ पदों पर रहे हैं. देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, जयप्रकाश नारायण, नेताजी सुभाष चंद्र बोस आदि. उड़ीसा के बीजू पटनायक, जानकी बल्लभ पटनायक और नवीन पटनायक आदि भी मूल रूप से कायस्थ समुदाय के हैं. बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में कई मुख्यमंत्री हुए जो कायस्थ समुदाय से आते थे जैसे कृष्ण बल्लभ सहाय, महामाया प्रसाद सिन्हा, संपूर्णानंद, विधान चंद्र राय, ज्योति बसु आदि. इससे पहले कि हम दक्षिण भारत के कायस्थ नेताओं के बारे में जाने यहां यह उल्लेख करना आवश्यक है कि कायस्थ समुदाय में कई उप विभाजन मौजूद हैं. उदाहरण के लिए बंगाली कायस्थ, चंद्रसेनिया कायस्थ प्रभु, चित्रगुप्तवंशी कायस्थ और करण आदि. भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से इस समुदाय के उपसमूहों की उपस्थिति है, जो विभिन्न प्रकार के उपनामों का उपयोग करते हैं. तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु दक्षिण भारत के प्रमुख राज्य हैं. दक्षिण भारत में नायर उपनाम के कायस्थ पाए जाते हैं. दक्षिण भारत में ऐसी कई जातियाँ पाई जाती हैं जिन्हें कायस्थ समुदाय का हिस्सा माना जाता है जैसे कि करुणिका (Karunika), अंबट्टर (Ambattar), मुदलियर (Mudaliar), करुणीगर (Karuneegar) तथा करणम (Karanam) जाति. दक्षिण भारत के प्रमुख कायस्थ नेताओं की सूची नीचे दी गई है-
कुलप्पुरक्कल करुणाकरन नायर
(Kulappurakkal Karunakaran Nair):
के.के. नायर एक भारतीय राजनेता थे, जो भारत के केरल राज्य की विधान सभा के सदस्य थे, उन्होंने 1972 से 2006 तक 34 वर्षों तक पठानमथिट्टा का प्रतिनिधित्व किया.
करणम बलराम कृष्ण मूर्ति
(Karanam Balaram Krishna Murthy):
आंध्र प्रदेश राज्य के राजनेता, उन्हें 6 मार्च 2017 को एमएलसी के रूप में चुना गया था.
•Sahay, Uday (2021). Kayasth Encyclopedia. Delhi: SAUV communications. p. 141. ISBN 978-81-941122-3-5.
•”K K Nair passes away” New Indian Express- Express News Service – 8 February 2013 link

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