Ranjeet Bhartiya 09/11/2021
Jankaritoday.com अब Google News पर। अपनेे जाति के ताजा अपडेट के लिए Subscribe करेेेेेेेेेेेें।
 

Last Updated on 09/11/2021 by Sarvan Kumar

मोची दक्षिण एशिया में पाया जाने वाला एक व्यवसायिक जाति समुदाय है. चमड़े के जूते बनाना इनका पारंपरिक कार्य रहा है. ऐतिहासिक रूप से यह समुदाय चमड़े के सुरक्षात्मक शिल्प के निर्माण में शामिल था. सैनिकों के लिए सुरक्षात्मक चमड़े के कपड़े निर्माण में शामिल होने के कारण यह समुदाय सेना के साथ निकटता से जुड़ा हुआ था. जूता निर्माण करना इनका पारंपरिक व्यवसाय था, लेकिन कारखानों में निर्मित जूतों के प्रसार के कारण इनके पारंपरिक व्यवसाय में गिरावट आई है. वर्तमान में अधिकांश मोची ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते हैं, और स्थानीय रूप से प्रभावशाली जातियों पर निर्भर हैं. यह खेतिहर मजदूरों के रूप में काम करते हैं. इन्हें रोजी-रोटी की तलाश में शहरी क्षेत्रों में पलायन करना पड़ता है. यह अन्य व्यवसायों भी अपनाने लगे हैं. आइए जानते हैं मोची समाज का इतिहास, मोची शब्द की उत्पति कैसे हुई?

मोची किस कैटेगरी में आते हैं?

गुजरात में, मोची (हिंदू) जाति को बक्शीपंच में ओबीसी के रूप में वर्गीकृत किया गया है. उत्तर प्रदेश में मुस्लिम मोची को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. भारत के कई राज्यों में इन्हें अनुसूचित जाति (scheduled caste) के रूप में वर्गीकृत किया गया है.

मोची की जनसंख्या, कहां पाए जाते हैं?

यह मुख्य रूप से भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में पाए जाते हैं. भारत में मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात में पाए जाते हैं. पंजाब में यह व्यापक रूप से पाए जाते हैं और लगभग हर जिले में निवास करते हैं. हरियाणा के मोची राजस्थान से पलायन करने का दावा करते हैं. यह मुख्य रूप से अंबाला के छावनी शहर में पाए जाते हैं.

मोची किस धर्म को मानते हैं?

धर्म से यह हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई या बौद्ध हो सकते हैं. भारत में पाए जाने वाले ज्यादातर मोची हिंदू धर्म का अनुसरण करते हैं. मुस्लिम मोची भी पहले हिंदू थे जो 14 वीं मई और 16 वीं शताब्दी के बीच धर्म परिवर्तन करके मुसलमान हो गए. विभाजन के पूर्व पंजाब के अधिकांश मोची को जबरन इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया था. मुस्लिम मोची पूरे उत्तर प्रदेश में पाए जाते हैं, लेकिन लखनऊ और फैजाबाद जिलो में इनकी अधिक एकाग्रता है. यह सुन्नी इस्लाम का अनुसरण करते हैं. अन्य मुसलमानों की तरह, यह बरेलवी और देवबंदी विभाजन में विभाजित हैं. हिंदी, अवधी और उर्दू भाषा बोलते हैं. पाकिस्तान और बांग्लादेश में पाए जाने ज्यादातर मोची मुस्लिम हैं.

मोची शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई?

मोची संस्कृत के शब्द मोचिका से बना है, जिसका अर्थ होता है- मोची या जूता बनाने वाला (cobbler). परंपरागत रूप से यह गांव में जूता बनाने का कार्य करते थे. मूल रूप से चमार जाति से संबंध रखते हैं. यह मूल रूप से चमार जाति की एक शाखा हैं.

Amazon deals of the day ( लूट लो )
क्या आप भी बिना ऑफर के शॉपिंग करते हैं और करा लेते हैं नुकसान- यहाँ क्लिक कर जानें Amazon का आज का ऑफर और पाएं 83 % तक की छूट!
Disclaimer: Is content में दी गई जानकारी Internet sources, Digital News papers, Books और विभिन्न धर्म ग्रंथो के आधार पर ली गई है. Content  को अपने बुद्धी विवेक से समझे। jankaritoday.com, content में लिखी सत्यता को प्रमाणित नही करता। अगर आपको कोई आपत्ति है तो हमें लिखें , ताकि हम सुधार कर सके। हमारा Mail ID है jankaritoday@gmail.com. अगर आपको हमारा कंटेंट पसंद आता है तो कमेंट करें, लाइक करें और शेयर करें। धन्यवाद Read Legal Disclaimer 

Leave a Reply