
Last Updated on 24/10/2022 by Sarvan Kumar
दलित समुदाय भारत की आबादी का लगभग 17% है. भारत के अलावा नेपाल में भी इनकी आबादी है. भारत की बात करें तो दलितों में चमार जाति संख्या के मामले में सबसे प्रमुख है और इसलिए राजनीतिक रूप से सबसे शक्तिशाली है. परंपरागत रूप से चमड़े के काम में शामिल यह समुदाय भारत में व्यापक रूप से वितरित है. ब्रिग्गस ने अपनी पुस्तक ‘द चमार’ में उल्लेख किया है कि दलितों की तमाम उपजातियों की मूल जाति चमार ही है. चमड़े के काम में शामिल समुदायों को भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरह से जाना जाता है, उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश में मदीगा, तमिलनाडु में अरुंधतियार और उत्तर प्रदेश में चमार. आइए जानते हैं चमार के अंतर्गत कौन सी जातियां आतीं हैं.
चमार के अंतर्गत कौन सी जातियां आतीं हैं
चमार जाति समूह (Chamar caste cluster) में सैकड़ों जातियां शामिल हैं, इसीलिए इसे एक छत्र जाति (umbrella caste) माना जाता है. चमार जाति समूह के अंतर्गत आने वाली मुख्य जातियों की बात करें तो इसमें आदि-धर्मी, चमार, जटिया चमार, चर्मकार, ऋषि, जाटव, रहगर, मोची, रायगर, रामदसिया, अलखगीर और रविदासिया शामिल हैं. आइए चमार जाति समूह की कुछ घटक जातियों के बारे में विस्तार से जानते हैं-
•पंजाब में चमार समुदाय की अच्छी खासी आबादी है. यहां चमार जाति समूह के अंतर्गत आने वाली प्रमुख जातियां हैं रविदासिया, आदि-धर्मी, रामदासिया, जटिया
और मोची.
•उत्तर प्रदेश में चमार जाति कुल अनुसूचित जाति की जनसंख्या का 60% है. राज्य में चमार समुदाय का महत्वपूर्ण घटक हैं- जाटव, जटिया, जैसवार, कुरील, धोहरे, अहिरवार, धूसिया, झूसिया, रैदास, चमकाटिया, चामड़, सतनामी, चंदौर, सकरवार, निखर, इत्यादि.
•मोची को चमार जाति की हीं एक शाखा माना जाता है, जो गुजरात, हरियाणा, पंजाब, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश बिहार और झारखंड आदि राज्यों में पाए जाते हैं.
•गुजरात में चमार समुदाय के सदस्यों को अब ‘चमार’ नहीं कहा जाता है क्योंकि राज्य सरकार ने इस दलित जाति के सदस्यों को ‘रोहित’ के रूप में संबोधित करने का फैसला किया है.
•राजस्थान में चमार जाति समूह के प्रमुख घटक जातियों की बात करें तो इसमें प्रमुख है- मेघवाल, रैगर, मोची, बलाई, अलखगीर, भांबी, बांबी, जाटव, चमगार, चांभर, मोचीगर, रोहित, इत्यादि.
•दिल्ली में चमार जाति की आबादी दिल्ली की कुल अनुसूचित जातियों की आबादी का का लगभग 39% है. यहां चमार जाति की प्रमुख उपजातियों में आदि-धर्मी, जाटा, मोची, रामदासिया, चंवर, रैगर आदि शामिल हैं.
•चामड़/चंवर को भी चमार जाति ही माना जाता है. इस नाम से चमार जाति के लोग मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के मेरठ, बिजनौर, मुजफ्फरनगर और आसपास के क्षेत्रों में निवास करते हैं.
•यह देखा गया है कि कई भौगोलिक क्षेत्रों में अब इस समुदाय के लोग अलग-अलग नामों से अपनी पहचान बनाने लगे हैं. उदाहरण के तौर पर कुछ क्षेत्र में चमार जाति के लोग स्वयं को रैदासी कहते हैं. मध्यप्रदेश और मध्य प्रदेश से सटे उत्तर प्रदेश के कुछ भाग में इस समुदाय के लोगों ने स्वयं को सतनामी कहना शुरू कर दिया है.
References:
•Yadav, Bhupendra (21 February 2012). “Aspirations of Chamars in North India”. The Hindu. Chennai, India. Retrieved 14 January 2013.
•उपेक्षित समुदायों का आत्म इतिहास
2006
ISBN:9788181435934, 8181435931
Publisher:Vāṇī Prakāśana
हिंदू चर्मकार जाति
एक स्वर्णिम गौरवशाली राजवंशीय इतिहास
By विजय सोनकर शास्त्री · 2014
Delhi Ki Anusuchit Jatiyan Va Aarakshan Vyavastha
By Ramesh Chander · 2021
•राजस्थान के दलित, एमएम गौतम
•Dalit-Muslim Rajneetik Gathjod
By Bizay Shashtri Sonkar · 2020
https://www.dailypioneer.com/2016/india/rohits-to-replace-chamars-in-gujarat.html

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