
वर्तमान में भारत ऐसे दौर से गुजर रहा है जहां एक तबका भारत की तमाम समस्याओं के लिए ब्राह्मणों को जिम्मेदार मानता है. कभी ब्राह्मणवाद के नाम पर तो कभी जातिवाद फैलाने के नाम पर ब्राह्मणों को निशाना बनाया जाता है और ब्राह्मणों के खिलाफ नफरत का माहौल बनाया जाता है. लेकिन अगर हम इस समुदाय के बारे में गहराई से पड़ताल करें तो पाएंगे कि केवल धार्मिक शास्त्रों के आधार पर ही नहीं बल्कि व्यवहारिक दृष्टि से भी ब्राह्मण महान प्रतीत होते हैं. आइए इसी क्रम में जानते हैं कि ब्राह्मण क्यों महान हैं.
ब्राह्मण क्यों महान हैं
इससे पहले कि हम इस लेख के मुख्य विषय पर चर्चा करें, सबसे पहले यह समझना आवश्यक है कि महान या महानता का अर्थ क्या है. महान होने की अवस्था को महानता कहते हैं. महानता शब्द संस्कृत के शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है- महत्व. महानता की अवधारणा का संबंध किसी विशेष स्थान या क्षेत्र में किसी व्यक्ति या वस्तु या समाज को प्रभावित करने वाली श्रेष्ठता की स्थिति से है. विभिन्न कारणों से ब्राह्मणों का भारतीय समाज में सदियों से महत्व रहा है और यही ब्राह्मणों की महानता का आधार है. आइए अब हम ब्राह्मणों की महानता के विभिन्न आयामों को सिलसिलेवार ढंग से समझते हैं.
शास्त्रों में ब्राह्मण को देवता कहा गया है
शास्त्रों के अनुसार संसार में ब्राह्मणों जैसा कोई नहीं है. ब्राह्मण साक्षात धर्म की मूर्ति है, वह सभी के कल्याण की कामना करता है और सभी को मोक्ष का मार्ग दिखाता है. इसलिए ब्राह्मण सबके गुरु, पूज्य और तीर्थ के समान हैं. शास्त्रों में अनेक श्लोकों का उल्लेख मिलता है, जिससे ब्राह्मणों की महानता का पता चलता है. उदाहरण के लिए निम्न श्लोक-
देवाधीनाजगत्सर्वं मन्त्राधीनाश्च देवता:।
ते मन्त्रा: ब्राह्मणाधीना:तस्माद् ब्राह्मण देवता।
अर्थात;
सारा संसार देवताओं के वश में है और देवता मन्त्रों के वश में हैं और मन्त्र ब्राह्मणों के वश में हैं, यह भी ब्राह्मणों को देवता मानने का एक मुख्य कारण है.
हिन्दू धर्म और भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण रखने में योगदान
प्राचीन काल से ही ब्राह्मण शिक्षा, संस्कार और ज्ञान से भारतीय समाज का मार्गदर्शन करते रहे हैं. भारत पर सदियों से विदेशी आक्रमण होते रहे हैं. तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखने में ब्राह्मणों का योगदान महत्वपूर्ण रहा है. आवश्यकता पड़ने पर ब्राह्मण धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाने और अपने प्राणों की आहुति देने से भी पीछे नहीं हटे.
अखंड भारत के निर्माण में योगदान
एक समय भारत की सीमाएँ अफगानिस्तान तक फैली हुई थीं. आज भी अखंड भारत की बात होती रहती है. आचार्य चाणक्य की नीतियों और विचारधारा के कारण अखंड भारत का निर्माण संभव हो पाया. यह बताने की आवश्यकता नहीं कि आचार्य चाणक्य ब्राह्मण थे. ब्राह्मणों ने देश की एकता के लिए काम किया है. आज सशस्त्र बलों में ब्राह्मणों की एक मजबूत उपस्थिति है जहां वे भारत की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं.
देश की आजादी में योगदान
देश की आजादी में सबसे ज्यादा योगदान ब्राह्मण समाज का रहा है. देश की आजादी के लिए ब्राह्मण समाज के अनेक क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहूति दी है.
देश के विकास में योगदान
“Brahmin the great” पुस्तक के लेखक नियाज खान कहते हैं कि ब्राह्मणों का आईक्यू लेवल हाई होता है, उन्हें जो भी काम मिलता है, उसे वे बखूबी अंजाम देते हैं. ब्राह्मण अपनी उच्च बौद्धिक क्षमता के बल पर विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देकर देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं.
निष्कर्ष: ब्राह्मणों ने हमेशा से धर्म, संस्कृति, देश और समाज की रक्षा और प्रगति के लिए अपना जीवन समर्पित करते आए हैं, इसलिए ब्राह्मण महान हैं।

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