Ranjeet Bhartiya 09/06/2023

ब्राह्मण, जो पारंपरिक रूप से हिंदू समाज में पुरोहित और विद्वान जाति हैं, के उपनामों की एक विस्तृत श्रृंखला है. क्षेत्रीय और समुदाय-विशिष्ट विविधताओं के आधार पर ब्राह्मणों से जुड़े कई उपनाम हैं, जैसे शर्मा, मिश्रा, त्रिपाठी, चतुर्वेदी, उपाध्याय, पांडे, जोशी, आदि. आइए इसी क्रम में जानते हैं कि द्विवेदी कौन से ब्राह्मण होते हैं. द्विवेदी […]

Ranjeet Bhartiya 08/06/2023

हरियाणा उत्तरी भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य है, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है. हरियाणा में विभिन्न समुदायों और जातियों के साथ-साथ ब्राह्मणों की एक महत्वपूर्ण आबादी है. हरियाणा में, ब्राह्मण एक प्रमुख सामाजिक और सांस्कृतिक समूह हैं. हरियाणा के धार्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक पहलुओं को आकार देने में […]

Ranjeet Bhartiya 07/06/2023

दक्षिण भारत में, कई ब्राह्मण समुदाय हैं जिनकी दक्षिण भारत के कई राज्यों में महत्वपूर्ण उपस्थिति है. ब्राह्मणों को पारंपरिक रूप से पुरोहित वर्ग माना जाता है और वे धार्मिक अनुष्ठानों, शिक्षा और अन्य विद्वतापूर्ण गतिविधियों में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं. आइए इसी क्रम में जानते हैं कि दक्षिण भारत में ब्राह्मण […]

Ranjeet Bhartiya 06/06/2023

हिंदू समाज में ब्राह्मण (पुजारी) और क्षत्रिय (योद्धा या शासक) वर्ण या जातियों के व्यक्तियों के बीच विवाह गठबंधन को संदर्भित करता है. वर्ण व्यवस्था भारतीय सामाजिक और आर्य संस्कृति की प्राचीन व्यवस्था है, जिसमें समाज को विभिन्न वर्गों में विभाजित किया जाता है. वर्ण व्यवस्था के अनुसार, चार मुख्य वर्ण होते हैं: ब्राह्मण, क्षत्रिय, […]

Ranjeet Bhartiya 05/06/2023

भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आत्मा सनातन हिन्दू धर्म में निवास करती है. सनातन धर्म के ग्रंथों में चार वर्णों का उल्लेख मिलता है- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र. ब्राह्मणों का उल्लेख वेदों, पुराणों और प्राचीन महाकाव्यों जैसे रामायण, महाभारत आदि में मिलता है. इससे स्पष्ट है कि ब्राह्मण हजारों वर्षों से भारत में रह रहे […]

Ranjeet Bhartiya 04/06/2023

भारत ने आर्थिक और तकनीकी मोर्चे पर महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है, लेकिन जाति, समुदाय और लिंग के आधार पर भेदभाव के बढ़ते मामले देश के लिए चिंता का विषय हैं. भारत आज भी कई प्रकार की सामाजिक बुराइयों से पीड़ित है, जिनमें जातिगत भेदभाव और दलित उत्पीड़न प्रमुख हैं. दलितों पर अत्याचार, भेदभाव और […]

Ranjeet Bhartiya 04/06/2023

ब्राह्मणों के बीच आंतरिक विभाजन की बात करें तो यह समुदाय भाषा, मान्यताओं और रीति-रिवाजों के आधार पर कई वर्गों (sections) में विभाजित है. गोत्र के आधार पर भी ब्राह्मणों में बड़ी संख्या में विभाजन हैं. सुदूर अतीत में गोत्रों की संख्या कम थी लेकिन समय के साथ ब्राह्मणों के गोत्रों की संख्या में भी […]

Ranjeet Bhartiya 03/06/2023

सनातन हिंदू धर्म की वर्ण व्यवस्था के तहत ब्राह्मणों को सर्वोच्च माना जाता है. लेकिन समय के साथ ब्राह्मण वर्ण कई उप-जातियों में विभाजित हो गया. एक हीं वर्ण के अंतर्गत विभिन्न उप-जातियों में विभाजित होने के बाद ब्राह्मणों के विभिन्न उप-समूहों के बीच कई प्रकार की भिन्नताएं भी आ गईं. गोत्र के आधार पर भी […]

Ranjeet Bhartiya 02/06/2023

हिंदू संस्कृति में, ब्राह्मणों को वर्ण व्यवस्था के चार प्रमुख सामाजिक वर्गों में से एक वर्ग के रूप में वर्णित किया गया है. जबकि अन्य 3 वर्ग हैं- क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र. हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों जैसे वेद, मनुस्मृति, धर्म शास्त्र, उपनिषद, भगवद गीता और महाभारत आदि में वर्ण व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा […]

Ranjeet Bhartiya 02/06/2023

ज्यादातर लोग रावण को एक नकारात्मक व्यक्तित्व के रूप में जानते हैं. महाकाव्य रामायण में रावण को लंका के क्रूर राजा के रूप में वर्णित किया गया है जो अभिमानी है, घमंडी है और पराई स्त्री पर बुरा नजर रखता है. इसीलिए रावण को बुराई और अधर्म का प्रतीक भी माना जाता है. लेकिन रावण […]

Ranjeet Bhartiya 02/06/2023

महाकाव्य रामायण में श्रीराम को नायक और रावण को खलनायक के रूप में चित्रित किया गया है. लोग मुख्य रूप से रावण को लंका के राक्षस राजा के रूप में जानते हैं जो अधर्म और बुराइयों का प्रतीक है. लेकिन ज्यादातर लोग रावण की पूरी पृष्ठभूमि और उनके व्यक्तित्व के अन्य महत्वपूर्ण आयामों से वाकिफ […]

Ranjeet Bhartiya 01/06/2023

भारत में ऐतिहासिक रूप से, सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं को कायम रखने, जातिगत पहचान बनाए रखने तथा मूल्यों और रीति-रिवाजों की अनुकूलता सुनिश्चित करने के लिए एक हीं जाति के भीतर विवाह को प्राथमिकता दी गई है. हालाँकि, हाल के वर्षों में, अंतर-जातीय विवाहों की अधिक स्वीकृति के प्रति भारतीय समाज में धीरे-धीरे बदलाव आया […]

Ranjeet Bhartiya 31/05/2023

मध्यकालीन भारत में मुगल साम्राज्य और राजपूत दो महत्वपूर्ण राजवंश थे. मुग़ल, जो मुख्य रूप से मुस्लिम थे, ने एक विशाल साम्राज्य पर शासन किया, जबकि राजपूत अपने स्वयं के राज्यों के साथ हिंदू योद्धा वंश से संबंध रखते थे. मुगलों और राजपूतों के बीच संबंध जटिल और विविध थे. कुछ राजपूत राजवंश मुगलों के […]

Ranjeet Bhartiya 30/05/2023

सनातन हिंदू धर्म में ब्राह्मणों का हमेशा से ही महत्व रहा है. ब्राह्मणों को चारों वर्णों में सर्वश्रेष्ठ और सर्वाधिक सम्मानित माना गया है. ” ब्राह्मण कौन हैं?” इस विषय पर विभिन्न ग्रंथों में विस्तार से चर्चा की गई है. विभिन्न महापुरुषों ने भी ब्राह्मण की अपने-अपने ढंग से परिभाषित किया है. आइए इसी क्रम […]

Pinki Bharti 29/05/2023

वर्तमान में बहुविवाह की प्रथा विश्व के अधिकांश भागों में प्रचलित नहीं है. हालांकि यह प्रथा अभी भी दुनिया के कुछ हिस्सों में और कुछ समुदायों में मौजूद है. भारतीय हिन्दू संस्कृति में विवाह को एक संस्कार का दर्जा दिया गया है. शादी सिर्फ एक शारीरिक या सामाजिक अनुबंध नहीं है, बल्कि दो आत्माओं के […]