Ranjeet Bhartiya 02/08/2022
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Last Updated on 02/08/2022 by Sarvan Kumar

कुर्मी भारत में निवास करने वाली एक प्रमुख जाति है. इस समाज के लोग “रेड्डी समुदाय” का उल्लेख विशाल कुर्मी समाज के महत्वपूर्ण दक्षिण वासी घटक के रूप में करते हैं और इसे कुर्मी जाति की एक उपजाति मानते हैं. तो क्या रेड्डी कुर्मी जाति है? आइए जानते हैं.

रेड्डी कुर्मी

कुर्मी समुदाय के लोग भगवान राम के पुत्रों से अपनी उत्पत्ति का दावा करते हैं, इसीलिए इन्हें वैदिक क्षत्रिय (योद्धा) माना जाता है. कृषि कार्यों से जुड़े होने के कारण, वर्तमान में यह मुख्य रूप से एक कृषक समुदाय (farming community) के रूप में जाने जाते हैं. भारत में कुर्मी समुदाय व्यापक रूप से वितरित है. इस समुदाय के लोग भारत के विभिन्न राज्यों में निवास करते हैं. विभिन्न प्रदेशों में इन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है. कुर्मी समुदाय के लोग दावा करते हैं कि गुजरात में इन्हें पाटीदार, जिन्हें आमतौर पर पटेल कहा जाता है, के रूप में जाना जाता है. जबकि महाराष्ट्र में संबंधित कृषक समुदायों को पाटिल और चौहान के रूप में पहचाना जाता है. उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में संबंधित कृषक समुदाय को कुर्मी के नाम से जाना जाता है. हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों में कृषक समुदाय का सामान्य नाम चौधरी है. कर्नाटक में कृषक समुदाय को वोक्कालिंगा कहा जाता है. आंध्र प्रदेश में संबंधित कृषक समुदाय रेड्डी के नाम से जाना जाता है.”कुर्मी जमात का इतिहास” नामक पुस्तक में उल्लेख किया गया है कि “कुर्मी समुदाय के लोग पूरे भारत में विभिन्न नाम धारण करके फलते-फूलते रहे हैं. लेकिन यह सभी अपने को अयोध्या के राजा रामचंद्र के दोनों पुत्र लव और कुश का वंशज मानते रहे हैं. कहीं लढ़वा तो कहीं कढ़वा लव-कुश के अपभ्रंशों से जाने जाते रहे हैं. आंध्र प्रदेश में रेड्डी खम्मा से नामित हैं.” कुर्मी समाज के हितों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से साल 1894 में अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा (AIKKM) नामक संगठन की स्थापना की गई थी. इसके बाद अवध के इसी समुदाय के एक जातीय संगठन ने पाटीदार, मराठा, कापू, कम्मा, वोक्कालिंगा, रेड्डी, वेलमा, कुनबी और नायडू आदि समुदायों को कुर्मी क्षत्रिय के नाम से एकजुट करने का प्रयास किया था. कुर्मी क्षत्रिय महासभा द्वारा कई बार पूर्व राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी और स्वतंत्रता सेनानी केसी रेड्डी की जयंती मनाने की बात कही गई है. बता दें कि रेड्डी दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पाई जाने वाली एक प्रमुख जाति है. परंपरागत रूप से ये भूमि-स्वामी रहे हैं. तेलुगु भाषा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों में, इनकी गिनती सबसे शक्तिशाली समूहों में की जाती है. अविभाजित आंध्र प्रदेश में कई दशकों तक इस समुदाय का राजनीतिक प्रभुत्व था.


References;
Kurmi Jamat Ka Itihas
Author: Guptnath Babu Singh
ISBN : 9789350484340
Language : Hindi
Publisher : Prabhat Prakashan

https://www.dnaindia.com/india/report-bride-hunting-takes-patidars-to-hindi-heartland-1682218

https://www.livehindustan.com/jharkhand/sahibganj/story-kurmi-kshatriya-mahasabha-will-celebrate-the-birth-anniversary-of-neelam-sanjiva-reddy-6345278.html

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