
Last Updated on 05/08/2022 by Sarvan Kumar
कुर्मी पारंपरिक रूप से एक खेतिहर जाति है जो व्यापक रूप से भारत के एक बड़े भूभाग में पाए जाते हैं. यह एक वृहत समुदाय है जो कई उप समूहों या उप जातियों में बंटा हुआ है. इस समुदाय में पाई जाने वाली प्रमुख उप जातियों के नाम इस प्रकार हैं- मनवा, कन्नौजिया, गंगवार, सचान, सैथवार, कटियार, निरंजन, उमराव, वर्मा, पटेल, चौधरी और जैसवार/जसवार, आदि. आइए जानते हैं जैसवार कुर्मियों के इतिहास के बारे में-
जैसवार कुर्मियों के इतिहास
कुर्मी एक प्रगतिशील कृषक समुदाय के रूप में जाना जाता है. आज भी इनमें से कई लोग ऐसे हैं जिनके लिए आय का प्राथमिक स्रोत भूमि है. जो शिक्षित हैं वह अपने पारंपरिक व्यवसाय कृषि की अपेक्षा सरकारी या निजी क्षेत्र की नौकरियों को प्राथमिकता देते हैं. इनमें से कई अब पढ़ लिख कर डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, अध्यापक और पत्रकार आदि के रूप में कार्यरत हैं. इनमें से कई अब व्यापार करने लगे हैं. राजनीति के क्षेत्र में इस समुदाय की मजबूत उपस्थिति है. आइए अब मूल विषय पर आते हैं. जसवार कुर्मी की बात करें तो यह एक हिंदू समुदाय है जो लगभग पूरे भारत में पाया जाता है. एक योद्धा और रक्षक कौम के रूप जैसवार कुर्मियों की ख्याति रही है. “कुर्मी जाति का संक्षिप्त इतिहास” नामक पुस्तक में जैसवार कुर्मियों के पराक्रम, शूरवीरता और गौरवशाली इतिहास का वर्णन करते हुए कहा गया है कि इनका इतिहास सत्ता, सल्तनत और साम्राज्य का है. इनका संबंध बुंदेला क्षत्रियवंश से है. जसवारों के बीच एक कहावत प्रचलित है- “जसपुर का जसवार, घोड़े पर असवार. हाथ में भाले और तलवार”. दक्षिण भारत में उस उस वक्त मुगल बादशाह औरंगजेब का शासन था. छत्रपति शिवाजी महाराज औरंगजेब के लिए बहुत बड़ी चुनौती प्रस्तुत कर रहे थे. अपने उत्कृष्ट रणनीति और युद्ध कौशल से शिवाजी महाराज ने औरंगजेब से उस क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया और अपने राज्य का विस्तार किया. इस युद्ध में छत्रपति शिवाजी महाराज की जीत में कुशल घुड़सवार सैनिकों की महत्वपूर्ण भूमिका थी. इस विजय के उपलक्ष्य में घुड़सवार सैनिकों को “जय सवार” की उपाधि दी गई, जो कालांतर में कुर्मी वंश की एक शाखा जयसवार/जैसवार/जसवार के रूप में विख्यात हुआ.”ब्रिटिश प्राच्यविद् विलियम क्रुक (William Crooke) ने जैसवार कुर्मियों को अवध में सबसे शक्तिशाली कुर्मी उपजाति के रूप में वर्णित किया है. क्रुक के अनुसार, जैसवार कुर्मी कन्नौज से अपनी उत्पत्ति का पता लगाते हैं, जहां से उन्हें लगभग 500 साल पहले अकाल के कारण विस्थापित होना पड़ा. 1911 की जनगणना में इस बात का उल्लेख किया गया है कि जसवारों का संबंध United Provinces (संयुक्त प्रांत) यूनाइटेड प्रोविंस (अवध) के जसपुर से था, जहां से वह विस्थापित होकर अलग-अलग क्षेत्रों में बस गए.
References;
•कुर्मी जाति का संक्षिप्त इतिहास
•Martial races of undivided India
By Vidya Prakash Tyagi
•An Ethnographical Hand-book for the N.-W. Provinces and Oudh
By William Crooke
•Census of India, 1911, Volume 6, Part 1
By India. Census Commissioner


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