Sarvan Kumar 14/02/2023

सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को अंबाला छावनी, हरियाणा में एक पंजाबी ब्राह्मण परिवार में हरदेव शर्मा और श्रीमती लक्ष्मी देवी के यहाँ हुआ था। वर्ष 1999 में उन्होंने आम चुनावों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ बेल्लारी संसदीय क्षेत्र, कर्नाटक से चुनाव लड़ा, लेकिन वे हार गईं। 1998 में उन्होंने केन्द्रीय […]

Ranjeet Bhartiya 12/02/2023

कुछ संस्कृतियों में, उपनाम, परिवार का नाम, या अंतिम नाम किसी के व्यक्तिगत नाम का हिस्सा होता है जो उसके परिवार, जनजाति या समुदाय को इंगित करता है. भारत में हजारों जातियां निवास करती हैं जो विभिन्न उपनामों का प्रयोग करती हैं. कुछ उपनाम ऐसे होते हैं जिनसे हम किसी व्यक्ति की जाति का पता […]

Ranjeet Bhartiya 11/02/2023

मुहावरे, कहावतें और लोकोक्तियां समाज का आईना होती हैं जो हमारी संस्कृति और सभ्यता को दर्शाती हैं. कहावतें एक-दो दिन में नहीं बनतीं, बल्कि इसके पीछे हमारे पूर्वजों का वर्षों के अवलोकन और अनुभव होता हैं. भारत में जाति से जुड़ी कई कहावतें प्रचलित हैं. जाति सम्बन्धी कहावतें समाज में व्याप्त विभिन्न जातियों, उपजातियों और […]

Sarvan Kumar 10/02/2023

तुलसीदास द्वारा रचित “रामचरित मानस” में लिखी गई चौपाई; “ढोल गंवार शूद्र पशु और नारी सब ताड़ना के अधिकारी” पर संग्राम जारी है. समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के ब्यान के बाद वाद -विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. चौपाई के विरोध करने वालों का तर्क यह है कि ताड़ना का अर्थ […]

Ranjeet Bhartiya 09/02/2023

कायस्थ (Kayastha) भारत में रहने वाली एक समझदार, सक्षम और योग्य जाति है जो अपनी बौद्धिक प्रतिभा के लिए जानी जाती है. इस समुदाय के लोगों ने अपनी मेहनत, बुद्धिमता और किसी भी स्थिति में काम करने की अद्भुत क्षमता के बल पर हर क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है, जिसमें राजनीति भी एक […]

Ranjeet Bhartiya 07/02/2023

कायस्थ भारत में रहने वाली एक जाति है जो अपनी बुद्धिमत्ता, शैक्षिक योग्यता और प्रशासनिक कौशल के लिए जानी जाती है. स्वतंत्रता आंदोलन में इस समुदाय के स्वतंत्रता सेनानियों का महत्वपूर्ण योगदान था. देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद भी इसी जाति से आते थे. आजादी के बाद इस समुदाय के लोगों ने देश […]

Ranjeet Bhartiya 06/02/2023

प्रत्येक व्यक्ति किसी विशेष जाति या वंश में जन्म लेता है. उसके मन, बुद्धि और व्यक्तित्व का निर्माण उस परिवार के वातावरण, शिक्षा और संस्कारों से होता है और वह व्यक्ति उस परिवार की कुल-परंपराओं से बंध जाता है. लोग अपनी जाति के साथ-साथ अपने पूर्वज, कुल, गोत्र, कुलदेवता और कुलदेवी के बारे में जानने […]

Ranjeet Bhartiya 05/02/2023

भूमिहार मुख्य रूप से भारत के बिहार राज्य और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में पाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण जाति है, जो अपनी कुशाग्र बुद्धि और लड़ाकू प्रवृत्ति के लिए जानी जाती है. इस समुदाय के लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया था. आजादी के बाद इस समाज के लोगों […]

Ranjeet Bhartiya 04/02/2023

भारत में वंशावली लेखन की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. तीर्थ पुरोहितों के अभिलेखों में देश भर के राजाओं, महाराजाओं, साधु-संतों, राजनेताओं और आम लोगों के परिवारों की वंशावली मौजूद है. इन वंशावलियों में जातियों, कुलों, उपजातियों का भी उल्लेख मिलता है, जो भारतीय संस्कृति और सामाजिक इतिहास का प्रमाण है. वंशावलियों […]

Ranjeet Bhartiya 03/02/2023

हजारों वर्षों की अपनी यात्रा में भारत ने कई राजवंशों का उत्थान और पतन देखा है. यहां हम ऐसे ही एक प्राचीन राजवंश की बात करेंगे जिसने भारत के कई क्षत्रिय वंशों को जन्म दिया है. एक ऐसा वंश जिसमें अनेक प्रतापी राजा हुए जिन्होंने न केवल भारत के एक बड़े क्षेत्र पर शासन किया […]

Ranjeet Bhartiya 02/02/2023

क्षत्रियों का इतिहास शौर्य, वीरता, त्याग और बलिदान की गाथाओं से भरा पड़ा है. प्राचीन काल से लेकर वर्तमान समय तक क्षत्रियों ने सदैव दूसरों की रक्षा का कार्य किया है. इतिहास गवाह है कि जरूरत पड़ने पर क्षत्रियों ने अपना सर्वस्व निछावर कर दिया और अपने प्राणों की आहुति देकर मातृभूमि, भारतीय संस्कृति और […]

Ranjeet Bhartiya 01/02/2023

राजभर भारत में पायी जाने वाली एक ऐसी जाति है, जिसके स्वर्णिम इतिहास के बारे में अधिकांश लोगों को पता नहीं है. राजभर समाज के लोग भी अपने महान इतिहास को भूल चुके हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि इनके इतिहास को अन्य शासकों विशेषकर आक्रमणकारी शासकों द्वारा या तो नष्ट कर दिया गया […]

Ranjeet Bhartiya 31/01/2023

भारत का इतिहास कई हजार वर्ष पुराना है. इन हजारों वर्षों के इतिहास में भारत की भूमि पर अनेक साम्राज्यों का उदय हुआ. इनमें से कई साम्राज्य बहुत विशाल और प्रसिद्ध थे, जिनके बारे में आमतौर पर लोग जानते हैं. लेकिन कुछ ऐसे भी साम्राज्य हुए जिसके बारे में अधिकांश लोगों को नहीं पता है. […]

Sarvan Kumar 29/01/2023

ऋग्वेद के सूक्तों के पुरुष रचियताओं में गृत्समद, विश्वामित्र, वामदेव, अत्रि, भारद्वाज, वशिष्ठ आदि प्रमुख हैं। सूक्तों के स्त्री रचयिताओं में लोपामुद्रा, घोषा, शची, कांक्षावृत्ति, पौलोमी आदि प्रमुख हैं। वेदों में किसी प्रकार की मिलावट न हो इसके लिए ऋषियों ने शब्दों तथा अक्षरों को गिन कर लिख दिया था। कात्यायन प्रभृति ऋषियों की अनुक्रमणी […]

Ranjeet Bhartiya 28/01/2023

भारत की जनसंख्या कई धार्मिक समूहों और हजारों जातियों में बंटी हुई है. सामान्यतः यह समझा जाता है कि जाति व्यवस्था केवल हिन्दू समाज में पाई जाती है लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि मुसलमानों में भी सैकड़ों जातियां पाई जाती हैं. जातियों के उत्पत्ति और विकास के पीछे आमतौर पर एक दिलचस्प कहानी होती है. […]