
Last Updated on 14/12/2022 by Sarvan Kumar
देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध उत्तराखंड भारत के उत्तरी भाग में स्थित एक खूबसूरत राज्य है. यहां कई जातीय समूह रहते हैं जो राज्य की जनसंख्या का गठन करते हैं. यहां हिंदू समुदाय की कई जातियां निवास करती हैं. आइए इसी क्रम में जानते हैं उत्तराखंड की सैनी जाति के बारे में.
उत्तराखंड की सैनी जाति
उत्तराखंड में सैनी जाति (Saini caste) को माली और बागबान के साथ ओबीसी के रूप में वर्गीकृत किया गया है. सैनी किसानों और भूमि मालिकों से बना एक समुदाय है. इस समुदाय ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी प्रगति की है. साथ ही यह समुदाय राजनीति के क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रहा है. राज्य में कई अन्य पिछड़ी जातियाँ निवास करती हैं जैसे अहीर, यादव, अरख, कलाल, कलवार, कलार, केवट या मल्लाह, कोइरी, कुम्हार, प्रजापति, कुर्मी, लोधी, लोधी-राजपूत, सुनार और तेली आदि. उत्तराखंड में सैनी जाति की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिति के बारे में जानने के लिए हमें राज्य की जाति संरचना को समझना होगा.
अनुसूचित जाति समुदाय, जिसमें कई जातियां शामिल हैं, राज्य की आबादी का लगभग 18.5% हिस्सा हैं. राज्य में ठाकुरों की आबादी करीब 35 फीसदी है. वहीं, ब्राह्मण समुदाय की जनसंख्या लगभग 25% है. यही वजह है कि राज्य की राजनीति में ब्राह्मणों और ठाकुरों का दबदबा है. राज्य में कोई राजनीति दल हो, टिकट वितरण में जांचे-परखे ठाकुर-ब्राह्मण जाति समीकरण का ख्याल रखा जाता है. अब तक राज्य में जितने भी मुख्यमंत्री रहे हैं, वे या तो ठाकुर समुदाय से रहे हैं या फिर ब्राह्मण समुदाय से.
राज्य की जनसंख्या में ओबीसी समुदाय, जिसमें सैनी जाति भी शामिल है, का योगदान लगभग 18.3% है. अगर दलित और ओबीसी समुदाय को एक साथ लिया जाए तो राज्य की आबादी का लगभग 36 से 37% हिस्सा बनता है. संख्यात्मक रूप से मजबूत होने के बावजूद ये समुदाय राजनीतिक रूप से हाशिए पर हैं.
इसलिए प्रदेश में राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने के मकसद से दलितों और ओबीसी समुदाय को एकजुट करने की कोशिशें की साहिब सिंह सैनी का मानना है बिखरा हुआ समाज कभी राजा नहीं बन सकता. बिना संघर्ष के सैनी समाज को राजनीतिक सम्मान प्राप्त नहीं हो सकता. राज्य में ओबीसी और दलित समुदायों की उपेक्षा की जा रही है. राज्य में राजनीतिक हिस्सेदारी के लिए अनुसूचित जाति समुदाय और सैनी समाज का एकजुट होना जरूरी है. यहां डॉ. कल्पना सैनी का जिक्र करना जरूरी है. डॉ सैनी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से संबंधित एक भारतीय राजनेता हैं, जो वर्तमान में राज्य सभा में संसद सदस्य हैं. इससे पहले डॉ. कल्पना सैनी उत्तराखंड सरकार के पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष के रूप में काम कर चुकी हैं. कुल मिलाकर उत्तराखंड का सैनी समाज हर क्षेत्र में विकास कर रहा है. लेकिन उत्तराखंड के सैनी राजनीति के क्षेत्र में कितना ऊंचा मुकाम हासिल कर पाते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा!
References:
•https://www.livehindustan.com/uttarakhand/story-uttarakhand-assembly-elections-bjp-balances-caste-equations-in-first-candidate-list-5626615.html
•Handbook of Social Welfare Statistics (PDF). 2018. p. 238.
•https://www.livehindustan.com/uttarakhand/haridwar/story-scheduled-caste-and-saini-society-should-unite-6947966.html
•”Bharatiya Janata Party – The Party With a Difference”. http://www.bjp.org. Retrieved 3 April 2016.
•https://www.livehindustan.com/uttarakhand/roorki/story-kalpana-saini-becomes-the-minister-of-state-2439143.html

Disclosure: Some of the links below are affiliate links, meaning that at no additional cost to you, I will receive a commission if you click through and make a purchase. For more information, read our full affiliate disclosure here. |